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देश को आजाद हुए कई दशक बीत चुके हैं, लेकिन अब भी गरीबी, भुखमरी व कुपोषण जैसी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सका है। अमीरी और गरीबी के बीच की चौड़ी होती खाई भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। जिससे निपटना आसान नहीं होगा। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि भारत को एक विकसित देश बनने के लिए कुपोषण जैसी समस्याओं से निपटने की जरूरत है। बकौल रघुराम राजन, जब कुपोषण मौजूद है तो देश आखिर कैसे विकसित हो सकता है। बार-बार कहा जा रहा है कि हम वर्ष 2047 तक एक विकसित समृद्ध देश बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि भारत की सबसे अहम संपत्ति मानव पूंजी है।
उसकी स्थिति सुधारने के लिए व्यापक प्रयास करने होंगे। जाने-माने अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रह चुके रघुराम राजन ने कहा कि भारत को अगर विकास करना है और अपनी स्थिति सुधारनी है तो इसके लिए कुपोषण आदि को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में जो बच्चे अभी कुपोषण से पीड़ित हैं, दस साल बाद वे वर्क फोर्स में शामिल होंगे। इसके साथ ही उन्होंने बड़े पैमाने पर उचित प्रशिक्षण देकर देश मैं मानव पूंजी के पोषण पर भी बल दिया। उनके मुताबिक भारत को लोगों की स्थिति पर ध्यान देना होगा। क्योंकि भारत में कई अन्य देशों की तुलना में बड़ी आबादी है। जो कि 1 अरब 40 करोड़ हो चुकी है। राजन ने आगे कहा कि यदि हम बड़ी संख्या में उन लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित कर सकते हैं तो मूल्य सृजन के मामले में हमारे पास बहुत कुछ होगा। आइए हमें इसके साथ शुरुआत करनी होगी।