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चाइना में गणपति उत्सवः भारतीय समुदाय ने उत्साह के साथ मनाया गणेशोत्सव

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Anil Azad Pandey, Beijing

चीन में इस गत् शनिवार को गणेशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और गणपति बप्पा की धूम रही। बीजिंग में आयोजित इस समारोह में मराठी समुदाय के लोगों के साथ-साथ अन्य प्रवासी भारतीयों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ और ढोल-ताशे व महाराष्ट्र के लोक नृत्य लेज़िम की थाप और “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गूंज उठे।

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बीजिंग मराठी मित्र मंडल समूह की ओर से आयोजित इस समारोह की शुरुआत भारतीय रेस्टोरेंट ताज पैवेलियन में भगवान गणेश के स्वागत और उनकी मूर्ति स्थापना के साथ हुई। इस दौरान हुए धार्मिक अनुष्ठानों,, मंत्रों और श्लोकों की ध्वनि से पूरा वातावरण बेहद पवित्र हो गया। इस अवसर पर शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं। जिनमें नृत्य और वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति, नाटक, भक्ति गीत, श्लोक उच्चारण और बच्चों द्वारा गणेश जन्म कथा वाचन ने वहां मौजूद भारतीयों और विदेशियों का मन मोह लिया।

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इस उत्सव में भारत और गणेश संबंधित प्रश्नोत्तरी, बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता और प्रसाद बनाने की प्रतियोगिता भी शामिल रही। 5 वर्ष से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में शगुन कक्कड़ को पहला स्थान मिला, जबकि अमायरा पांडेय को दूसरा और तियाशा नंदी को तीसरा स्थान हासिल हुआ। इस आर्ट कंपटीशन की थीम, “आई इमेजिन माई गशेश एज़” रखी गयी थी। जबकि गणपति को समर्पित प्रसाद बनाने की प्रतियोगिता में अगस्त्य कुथे को पहला स्थान, रेखा शर्मा को दूसरा और चारू तनेजा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ ।

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कार्यक्रम में एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक(एआईआईबी) के उपाध्यक्ष अजय भूषण पांडे ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहन देते हुए उन्हें सम्मानित किया।

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इस उत्सव का समापन एक प्रतीकात्मक विसर्जन समारोह के साथ हुआ, जिसमें अगले वर्ष और भी अधिक उत्साह के साथ लौटने का वादा किया गया। बता दें कि बीजिंग में रहने वाले भारतीयों के लिए, गणेशोत्सव केवल एक वार्षिक आयोजन नहीं है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान की एक महत्वपूर्ण पुष्टि और विदेशी धरती पर दोस्ती का एक खूबसूरत पुल है।

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गणेशोत्सव के सफल आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली केतकी मकरंद ठकार ने लेखक अनिल पांडेय को बताया कि यह कार्यक्रम भगवान गणेश की एक भव्य और सुसज्जित मूर्ति की स्थापना पर आधारित था। इसका उद्देश्य नयी पीढ़ी को अपनी परंपरा के बारे में शिक्षित करने और जोड़ने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारतीय उत्सवों के बारे में जागरूकता फैलाना था।

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ध्यान रहे कि गणेशोत्सव यानी भगवान गणेश का जन्मोत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन महाराष्ट्र में इसकी अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यह महोत्सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्थी तक दस दिन तक मनाया जाता है।

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