- राजीव नगर निवासी अधेड़ को सांस लेने में तकलीफ होने पर लाए थे अस्पताल
- रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना पाॅजिटिव निकलने पर किया रुद्रपुर रेफर, मौत होने पर वापस खटीमा लाए
By Naveen Joshi
खटीमा। नेपाल से सटा खटीमा क्षेत्र कोरोना संक्रमण के मामलों में हाॅट स्पाट बन चुका है। लगातार बढ़ रहे केसों के बीच बुधवार को एक अधेड़ की कोरोना से मौत हो गई। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने अपनी निगरानी में अधेड़ का अंतिम संस्कार कराया। वहीं, अधेड़ के निवास स्थान को सील कर परिजनों को क्वारंटीन कर दिया है।
राजीव नगर निवासी 56 वर्षीय अधेड़ को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन सोमवार शाम उसे नागरिक चिकित्सालय ले गए, जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट में उसकी रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आई। इस पर डाॅक्टरों ने उसे रुद्रपुर के लिए रेफर कर दिया, जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसे रात 11.50 बजे नागरिक चिकित्सालय वापस लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद मेलाघाट रोड स्थित सूखी नहर के पास उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि अधेड़ की पुत्री ने दी। इस दौरान एसडीएम निर्मला बिष्ट, सीएमएस डाॅ.सुषमा नेगी, तहसीलदार यूसुफ अली समेत पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
मृतक के घर पर उसकी मां, पत्नी और एक पुत्री है। नागरिक चिकित्सालय के नोडल अधिकारी डाॅ.वीपी सिंह ने बताया कि अधेड़ को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसके परिजन अस्पताल लाए थे, जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर उसे रुद्रपुर भेज दिया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। उसका शव रात में नागरिक चिकित्सालय में लाया गया।
एक हफ्ते में कोरोना के 151 केस मिले
खटीमा। क्षेत्र में रोजाना काफी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। 4 अगस्त को 12, 6 अगस्त को 49, 7 अगस्त को 21 और 10 अगस्त को सर्वाधिक 69 केस कोरोना के मिले हैं। अब तक क्षेत्र में कुल 337 कोरोना के केस मिल चुके हैं।
अब भी नहीं चेते तो विकराल हो सकती है स्थिति
खटीमा। क्षेत्र में कोरोना का कहर जिस तेजी से जारी है, उससे लगता है कि आगामी दिनों में हालात बेहद खराब हो सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की टीमें रोजाना लोगों के सैंपल ले रही है और उन्हें कोरोना को लेकर जागरूक भी कर रही है। बावजूद इसके लोगों द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है। कहीं लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं तो कहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। महिलाएं तो दुपट्टा मुंह पर लगाकर बाजार जाती हैं, ये दुपट्टा भी मुंह से कब हटा जाए पता भी नहीं चलता। इसके अलावा बैंकों, एटीएम और परचून की दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है।
एक मामला चकरपुर के बूढ़ाबाग गांव में सामने आया, यहां कोरोना पाॅजिटिव आया युवक सैंपल देने के बाद पूरे गांव में घूमता रहा, लेकिन जब रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे घर से उठा ले गई। इसकी जानकारी गांव वालों को हुई तो हड़कंप मच गया। गांव के कई लोगों ने अपने आप को होम क्वारंटीन तक कर दिया है।
उधर, प्रशासन की ओर से पिछले शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराया गया, लेकिन लाॅकडाउन हटते ही हालात बेहद खराब होने लगे हैं। इन सबके बीच बुधवार को कोरोना से पहली मौत होना क्षेत्र के लोगों के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। लिहाजा, इस मामले के बाद अब भी क्षेत्र के लोग नहीं चेते तो भविष्य में हालात और अधिक खराब हो सकते हैं।