Uttarakhand DIPR
doctor e1622129604183

कोरोना मरीजों के मनोबल बढ़ाने को संगीत और योग का सहारा भी ले रहे हैं डॉक्टर

खबर शेयर करें

Report ring desk

नई दिल्ली। डॉक्टर इलाज के अलावा मूड को हल्का करने में सहायता कर रहे हैं वे मरीजों को कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए मानसिक तौर पर भी प्रेरित कर रहे हैं।
देश को कोरोनावायरस से मुक्त करने के लिए डॉक्टर हर प्रयास कर रहे हैं। इस के लिए केन्द्र और राज्य सरकार भी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में बेंगलुरु के डॉ चंद्रम्मा दयानंद सागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और अस्पताल में कोविड-19 वार्ड में मरीजों के लिए एक अनुठा प्रयोग किया है।

मरीजों को परिवार जैसा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। संक्रमित कोविड मरीज के मन में बेचैनी व डर को कम करने के लिए और मरीज को उदासी व अवसाद ग्रस्त अवस्था से निकालने के सभी प्रयास हो रहे हैं और महामारी से निपटने में उनकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बना रहे हैं। इस क्रम में हॉस्पिटल में सघन जांच और उपचार के अलावा मरीजों को संगीत के साथ स्वयं डॉक्टर अन्य हॉस्पिटल स्टाफ के साथ नृत्य भी कर रहे हैं।

doctor1

कोरोनावायरस ने रोगियों को शारीरिक रूप से प्रभावित करने के अलावा कई रोगियों में चिंता और अवसाद भी पैदा किया है।इससे निपटने के लिए महामारी के बीच डॉ. चंद्रम्मा दयानंद सागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और अस्पताल, बेंगलुरु के डॉक्टर और कर्मचारी प्रेरणादायक गाने बजाकर मरीजों को खुश करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वे ऐसा करके कोविड 19 वार्डों में सकारात्मकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस अवसर पर दयानंद सागर विश्वविद्यालय के संचालन परिषद के सदस्य रोहन प्रेम सागर ने कहा, दुनिया भर के चिकित्सा पेशेवर इस घातक वायरस से जूझ रहे हैं। कोरोना ने सभी को मानसिक तौर और शरीर को समान रूप से प्रभावित किया है। डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी और अस्पताल नेतृत्व मरीजों के लिए परिवार जैसा माहौल बनाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं ।संगीत योगा टिप्स के द्वारा हम मरीजों को कोरोना के मानसिक प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा हालांकि यह इलाज नहीं है पर ये मानसिक वेदना के स्तर को कम करने का प्रयास है।

कोरोना ने सभी को अकल्पनीय पीड़ा दी है, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जिन्होंने सबसे आगे लड़ाई लड़ी है पहली लहर के बाद से अस्पतालों ने गंभीर अवसाद और उदासी देखी है, लेकिन दूसरी लहर ने दबाव को तेज कर दिया है और रोगियों और डॉक्टरों के मनोबल को समान रूप से तोड़ दिया है।

kaadi ad 1 Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Rating

Scroll to Top