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हरिद्वार ।आश्रम और अखाड़ों को राज्य प्रदूषण इकाई की ओर से निजी एसटीपी लगाने के दिए गए नोटिस मामले में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और सतपाल ब्रह्मचारी के बीच संतों की बैठक में जमकर बहस हो गई। इस दौरान सतपाल ब्रह्मचारी ने मदन कौशिक पर झूठ बोलने का आरोप तक लगा दिया। बात बढ़ता देख बैठक में शामिल संतों ने उन्हें चुप कराया, तब जाकर शहरी विकास मंत्री अपनी बात पूरी कर सके।
दरअसल, शुक्रवार को कनखल स्थित हरेराम आश्रम में नोटिस को लेकर संतों की बैठक हुई । बैठक में वरिष्ठ संतों, महामंडलेश्वर सहित बड़ी संख्या में आश्रम-अखाड़ों के प्रमुख शामिल थे। संत इससे पहले भी इस मुद्दे पर बैठक कर अपना आक्रोश और विरोध जता चुके हैं। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने संतों को नोटिस और टैक्स के मुद्दे सरकार ओर से आश्वासन दिया कि आश्रम-अखाड़ों से कोई टैक्स नहीं लिया जायेगा। संतों का कहना है कि इससे पहले उन्हें इस किस्म को कोई नोटिस आज तक नहीं मिला। सरकार की तरफ से भी उन्हें आश्वासन मिला था कि आश्रम-अखाड़ों को इससे बाहर रखा जायेगा पर, अब उन्हें नोटिस भेज दिया गया।
इसी मामले में सरकार की तरफ से सरकार का पक्ष रखने बैठक में पहुंचे शासकीय प्रवक्ता शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अपनी बात रखते हुए जैसे ही राज्य में दस वर्ष तक सरकार में रह चुकी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को लेकर कुछ टिप्पणी की, वैसे बैठक में शामिल कांग्रेसी नेता और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी उठ खड़े हो गए। उन्होंने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के आरोपों को गलत ठहराया।