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चीन ने पिछले कुछ दशकों में हर किसी क्षेत्र में तरक्की की है, बात चाहे हेल्थ सेक्टर की हो या फिर एजुकेशन की। चीन की सरकारों ने इन क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए तमाम कदम उठाए हैं। आज चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसमें बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा प्रणाली का भी योगदान है। हाल ही में चीन में शिक्षक दिवस मनाया गया, जिस मौके पर देश के तमाम शिक्षकों के योगदान को याद किया गया।
यहां बता दें कि वर्तमान में चीन में टीचर्स की कुल संख्या 1 करोड़ 73 लाख 20 हजार से ज्यादा है। पिछले कुछ वर्षों में न केवल प्रोफेशनल टीचर्स की संख्या में इजाफा हुआ है, बल्कि गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार देखा गया है। हाल के महीनों में जारी कोविड-19 महामारी के दौरान अध्यापकों ने करोड़ों छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा दी। जो उनकी प्रतिबद्धता को जताता है।
इस बीच चीनी राष्ट्रपति से लेकर कई नेता देश में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने पर ज़ोर दे रहे हैं। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों द्वारा छात्रों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करने और ऑनलाइन एजुकेशन प्रदान करने को लेकर तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में रह रहे बच्चों का सपना साकार करने में शिक्षक अहम रोल अदा कर रहे हैं।
वहीं चीनी उप प्रधानमंत्री सुन छुनलान ने भी उच्च-क्षमता वाले शिक्षक तैयार करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने पर बल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए अधिक नीतिगत समर्थन देने का आह्वान भी किया।
उन्होंने कहा कि पूर्व-स्कूली शिक्षकों, व्यावसायिक शिक्षा के शिक्षकों, संगीत, शारीरिक शिक्षा और ललित कला शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और ग्रामीण शिक्षकों की संरचनात्मक कमी के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए।
इससे जाहिर होता है कि चीन सरकार और संबंधित विभाग शिक्षा के गुणवत्ता पर बहुत ध्यान दे रहे हैं, जो किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत अहम माना जाता है।
साभार-चाइना मीडिया ग्रुप