Anil Azad Pandey, Beijing चीन में विजय दिवस पर सैन्य ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। सैनिकों की भव्य परेड स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 9 बजे शुरु हुई और लगभग डेढ़ घंटे तक चली। इस दौरान लड़ाकू विमानों ने बीजिंग के आसमान में हवाई करतब किए और आखिर में 80 हज़ार गुब्बारे और 80 हज़ार कबूतर शांति का संदेश देने के लिए आसमान में छोड़े गए। इस ऐतिहासिक मौके पर चीनी राष्ट्रपति और सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी चिनफिंग ने सैन्य परेड की सलामी ली। साथ ही उन्होंने ऐतिहासिक थ्येनआनमन चौक पर नागरिकों को संबोधित किया।

चीन में इस दिवस के भव्य आयोजन को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी। यह एक ऐसा दिवस है, जो इतिहास में भूलने लायक नहीं है। कहने का मतलब है कि अस्सी साल पहले चीन ने जापानी आक्रमण और फासीवाद विरोधी युद्ध में जीत हासिल की थी। इससे पहले जापानी सेना ने चीन में खूब अत्याचार किया। सैनिकों द्वारा महिलाओं की इज्जत से खेला गया, कंफर्ट वुमन से चर्चित इस बेहद शर्मनाक घटना को शायद ही चीनी लोग भूल पाएं। चीन की जीत को याद करने के इस अवसर पर 26 देशों के बड़े नेता और प्रतिनिधि मौजूद रहे,जिनमें , रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन जैसे नेता प्रमुख थे। चीन ने राष्ट्रपति ने इस अवसर पर विश्व को संदेश दिया कि चीन एक ताकतवर राष्ट्र है, जो प्रभुत्व का विरोध करता है।

अपने भाषण में उन्होंने चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों और तमाम देशभक्तों के प्रति सम्मान जताया। इसके साथ ही उन्होंने जापान द्वारा किए गए आक्रमण के दौरान, चीन की मदद करने वाले देशों और लोगों का आभार जताया। यहां बता दें कि उस युद्ध में चीन को सहायता देने के लिए भारत से डॉक्टरों का एक दल चीन पहुंचा था। जिसमें डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस, डॉ. बसु व अन्य चिकित्सक शामिल थे। डॉ. कोटनिस को चीन में बेहद सम्मान दिया जाता है। बता दें कि उनका कम उम्र में ही चीन में निधन हो गया था। इस दौरान चीन ने नई पीढ़ी के अत्याधुनिक व उन्नत हथियारों का प्रदर्शन किया। यह भी बताना जरूरी है कि चीन में परेड के दौरान दिखाए गए सभी उपकरण चीन में ही तैयार और विकसित किए गए हैं। इनमें लड़ाकू व बमवर्षक विमानों के साथ-साथ 12 हज़ार किमी. से अधिक मार करने वाली एंटी बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन भी शामिल रहा।







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