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कोरोना पर काबूः शीतकालीन ओलंपिक के आयोजन को तैयार है चीन

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Report Ring News, Beijing

 कोरोना महामारी विश्व के अधिकांश देशों में कहर मचा रही है, इसके कारण करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। जिसका सीधा असर विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा है। जबकि इस दौरान कई खेल प्रतियोगिताएं भी रद्द करनी पड़ी हैं, क्योंकि वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। इस बीच विश्व के दो प्रमुख खेल आयोजनों पर दुनिया की नज़र है। टोक्यो ओलंपिक और अगले साल पेइचिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेल। यहां हम शीतकालीन ओलंपिक की बात करते हैं। चीन ने जिस तरह से कोरोना महामारी को नियंत्रित किया है, वह समूचे विश्व के लिए एक मिसाल है। पिछले एक साल के दौरान चीन द्वारा दिखायी गयी तत्परता से उसका वैश्विक स्थान मजबूत हुआ है। यहां रहते हुए हमने करीब से चीन में कोविड-19 के प्रसार को रोकने संबंधी सख्त उपायों को महसूस किया है। जो कि विंटर ओलंपिक की तैयारी में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। जहां कुछ देशों ने वायरस को उतनी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन चीन ने हर एक कदम सावधानी से आगे बढ़ाया, इसी का नतीजा है कि चीन को अगले वर्ष की बड़ी खेल इवेंट को लेकर खुद पर पूरा भरोसा है। कहा जा सकता है कि चीन महामारी को काबू में करने के पश्चात 2022 के शीतकालीन खेलों को भी सफलता से आयोजित करने की क्षमता रखता है।

गौरतलब है कि चीन हर आयोजन को बड़ी गंभीरता से लेता है और उसे सफल बनाने की पूरी कोशिश करता है। पूर्व में चीन द्वारा आयोजित किए गए बड़े कार्यक्रमों से हमें इसका आभास भी हुआ है। चीन वायरस को लगभग नियंत्रण में कर चुका है, आगे उसका मिशन 2022 के शीतकालीन खेल हैं। चीन बार-बार कहता है कि वह एक ज़िम्मेदार देश है। इसकी झलक हमने वैक्सीन उत्पादन के बाद उसके वितरण में भी देखी है। चीन द्वारा निभायी जा रही भूमिका के विपरीत कुछ देश इसकी ज़माखोरी में जुटे हुए हैं। एनजीओ वन कैम्पेन की रिपोर्ट भी यही कहती है। बताया जाता है कि कोरोना वैक्सीन का वितरण बेहद असंतुलित है। अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान जैसे देशों ने बड़ी मात्रा में टीके जमा किए हैं। जबकि तमाम जरूरतमंद देश वैक्सीन हासिल करने को जूझ रहे हैं।

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वहीं चीन वैक्सीन को वैश्विक उत्पाद बनाने की वकालत कर रहा है। चीन ने न केवल डब्ल्यूएचओ की कोवाक्स योजना में सक्रिय रूप से भाग लिया है, बल्कि अब ओलंपिक खेल आयोजनों के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहता है। हाल के दिनों ने चीन की एक बड़ी घोषणा ने एक तरह से विश्व को इस मुश्किल भरे दौर में संजीवनी प्रदान करने का कार्य किया है। क्योंकि चीन ने ऐलान किया है कि वह टोक्यो ओलंपिक और पेइचिंग विंटर ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एथलीटों को वैक्सीन देगा। इसकी जानकारी इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी(आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाख ने खुद दी। जिस तरह आईओसी ने चीन का आभार जताया, उससे साबित होता है कि चीन ने वाकई बड़ी मदद का काम किया है। कई देशों को इस बात की चिंता रहती है अगर वे इतने बड़े खेल आयोजनों में अपने एथलीटों को भेजेंगे तो उनकी सुरक्षा का क्या होगा। लेकिन अब चीन ने आगे आकर घोषणा कर दी है, वह इस मामले में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा। कहने का मतलब है कि अपने देश में वायरस को काबू में कर लेने के बाद चीन ओलंपिक खेलों के सफल आयोजन में अपना योगदान देना चाहता है। ताकि इन खेलों में शिरकत करने वाले खिलाड़ी और तमाम प्रतिनिधि बिना डरे अपने प्रदर्शन पर ध्यान दे सकें।

इसके अलावा हर आयोजन स्थल में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, ताकि वायरस का प्रसार बिल्कुल न हो। हमें चीन पर भरोसा करना होगा, क्योंकि महामारी पर जीत हासिल करने के बाद भी मॉस्क पहनने, हेल्थ कोड स्कैन करने, शरीर का तापमान लेने आदि उपाय जारी हैं। सार्वजनिक स्थलों पर भी लोग जागरूक दिखते हैं। ऐसे में यह कहने में कोई संकोच नहीं है चीन पेइचिंग शीतकालीन खेलों को वायरस रहित माहौल में आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

साभार-अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप

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