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5G Technique पर किस Speed से काम कर रहा है यह देश, पढ़िए स्टोरी

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चीन में हर हफ्ते लगभग 20 हज़ार नए 5 जी बेस स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 5G नेटवर्क के कवरेज को और अधिक विस्तारित किया जाना है। चीन का लक्ष्य इस साल के आखिर तक देश में लगभग 7.5 लाख से 8 लाख बेस स्टेशनों की स्थापना करने पर है।

By Anil Azad Pandey, Beijing

कुछ देशों की चिंताओं के बावजूद चीन में 5 जी तकनीक पर तेज़ी से काम हो रहा है। चीन सरकार का ध्यान न्यू इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने पर लगा हुआ है। 5 जी के क्षेत्र में चीन वैश्विक लीडर की भूमिका में है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है। चीन सरकार के आंकड़ों की मानें तो जून के महीने तक देश में चार लाख दस हज़ार से ज्यादा 5G बेस स्टेशनों का निर्माण हो चुका है। वहीं करीब 2 लाख 57 हज़ार स्टेशन हाल के महीनों में स्थापित किए गए हैं।

इसके साथ ही चीन 5G के तहत स्मार्ट हेल्थकेयर, उद्यमों के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, स्मार्ट ग्रिड, वाहन-सड़क समन्वय प्रणाली और वाहनों में इंटरनेट का दायरा बढ़ाने के लिए विशेष ज़ोर दे रहा है।

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बताया जा रहा है कि चीन में हर हफ्ते लगभग 20 हज़ार नए 5 जी बेस स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 5G नेटवर्क की कवरेज को और अधिक विस्तारित किया जाना है। चीन का लक्ष्य इस साल के आखिर तक देश में लगभग साढ़े सात लाख से आठ लाख बेस स्टेशनों की स्थापना करने पर है। जानकार कहते हैं कि चीन साल 2025 तक 5जी नेटवर्क के निर्माण में 173 बिलियन डॉलर खर्च कर सकता है। जो दुनिया के लिए एक और आश्चर्य होगा।

चीन ने पिछले कुछ समय से 5 जी तकनीक के विकास पर पूरा ध्यान दिया है। क्योंकि आज के दौर में तकनीक के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। चीन ने तकनीक के महत्व को बखूबी समझा और इस दिशा में तेज़ी से काम किया है। 5G तकनीक की बात करें तो यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन मेडिकल परामर्श, दूरस्थ शिक्षा, शार्ट वीडियो, लाइवस्ट्रीमिंग इवेंट्स और गेम्स आदि के इस्तेमाल में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।  

हाल ही में चीन के उद्योग व सूचना प्रौद्योगिकी मामलों के उप-मंत्री शिन कुओपिन ने कहा कि चीन के 5 जी बेस स्टेशनों का रोलआउट उम्मीदों से अधिक हो चुका है। जुलाई महीने के आखिर तक चीन में 5 जी यूजर्स की संख्या 88 मिलियन पहुंच चुकी है। ये ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके मोबाइल वायरलेस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।  

कहा जा सकता है कि चीनी कंपनियां विश्व में इस तकनीक के जरिए अपना लोहा मनवाने के लिए तैयार दिख रही हैं।

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