ऊद्यमसिंह नगर। आठ माह से वेतन नही मिलने पर उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उन्हें जल्द से जल्द मानदेय दिए जाने की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने लिखा है कि उन्हें अक्टूबर 2022 से अभी तक मानदेय नहीं मिल पाया है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने लिखा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता पूरी लगन और मेहनत से काम करती हंै, लेकिन इसके बावजूद उनका माननेय समय पर नहीं दिया जाता है।
पत्र के माध्यम से उन्होंने अपनी यह भी पीड़ा व्यक्त की है कि आशा कार्यकर्ता न तो सरकारी कमचारी हैं और न ही उन्हें संविदा में रखा गया है जिससे आए दिन विभाग से उन्हें काम से निकालने की धमकी भी दी जाती है। अपनी व्यथा को व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा है कि उन्हें न्यूनतम माननेय भी समय पर नहीं मिल पाता है, यहां तक कि आठ माह बीतने के बावजूद अभी तक मानदेय की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि मीटिंग और प्रशिक्षण का भत्ता भी उनके खाते में नहीं पहुंच पाता है। आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने लिखा है कि यदि उनका मानदेय नहीं मिलता है तो एक तारीख से वे हड़ताल में चले जाएंगे। उन्होंने सरकार से मानदेय दिए जाने की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में यूनियन की जिलाध्यक्ष ममता पानू, ब्लाक अध्यक्ष अंजू, जिला सचिव कुलविंदर कौर और कल्पना मिस्त्री की ओर से यह पत्र लिखा गया है।