By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha
केसिंगा । अब जबकि देश के ज़्यादातर हिस्सों में कोरोना की स्थिति सामान्य हो चुकी है एवं मॉल, रेस्तरां, सिनेमाघर, सड़क एवं हवाई यात्रा आदि सब कुछ सामान्य ढ़र्रे पर चलने लगा है, ऐसे में सरकार द्वारा रेल-यात्रा के नियमों में ढ़ील न दिये जाने से लोग परेशान हैं. इस बारे में आम आदमी से लेकर व्यापारी, राजनीतिज्ञ तक सभी एक प्रकार की राय रखते और एकस्वर में कहते हैं कि रेल-यात्रा के लिये कोरोनकाल में लागू नियमों को पुनः युक्तिसंगत बनाये जाये.
इस परिप्रेक्ष्य में चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज़ केसिंगा, अध्यक्ष अनिल कुमार जैन का कहना है कि विशेष परिस्थितियों में ट्रेनों का बन्द किया जाना अथवा उन्हें भाड़ा बढ़ा आंशिक तौर पर चलाया जाना समझ में आता है, परन्तु अब जबकि परिस्थितियां लगभग सामान्य हो चुकी हैं, ऐसे में प्रतिबंधों में ढ़ील न दिया जाना नागरिकों के साथ अन्याय है. रेलवे द्वारा विगत तीन महीने की अवधि में नौ सौ करोड़ से भी अधिक की आय की गयी है, जबकि वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, चिकित्सकीय कारणों सहित नागरिकों को दी जाने वाली पचपन सुविधाओं को बन्द कर दिया गया है. इतना ही नहीं ट्रेनों का भाड़ा तो दो से तीन गुना बढ़ा दिया गया, परन्तु वातानुकूलित श्रेणी के यात्रियों को तकिया, चद्दर मुहैया कराने की सुविधा पर विराम लगा दिया गया है. छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का पड़ाव बन्द है और ट्रेन के समय टिकट न मिलने से लोगों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. सरकार हेल्थ-कार्ड तो बांट रही है, पर ट्रेनों में सामान्य सुविधा बाहाली पर उसका ध्यान नहीं और उसने रेल को महज़ कमाई का ज़रिया बना डाला है.
केसिंगा नगर भाजपा अध्यक्ष प्रशान्त बनर्जी भी मानते हैं कि ट्रेनों का चलन सामान्य न होने का न केवल सामान्य नागरिकों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि इससे व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं जिसका सीधा सम्बन्ध बेरोज़गारी से भी जुड़ा है, अतः सरकार को तुरन्तु प्रभाव से बढ़े हुये यात्री भाड़े को समाप्त कर सामान्य स्थिति बाहाल करनी चाहिये. उन्होंने ख़ास तौर पर जूनागढ़ रोड़-रायपुर पुश-पुल तथा कोरापुट-हावड़ा समलेश्वरी एक्सप्रेस के बन्द होने के कारण छोटे व्यापारियों के प्रभावित होने की बात का ज़िक्र किया. बनर्जी इस परिप्रेक्ष्य में एक पांच सूत्रीय सुझाव अथवा मांग-पत्र भी केन्द्र सरकार को प्रेषित करेंगे.
वहीं केसिंगा नगर बीजू जनता दल अध्यक्ष रमेश पटनायक भी आम जनता के व्यापक हित में विशेष ट्रेनों के नाम पर बढ़ाये गये यात्री भाड़े को सरकारी लूट मानते हैं और इसे तुरन्तु प्रभाव से समाप्त किये जाने के साथ तमाम यात्री सुविधाएं बाहाल किये जाने के पक्ष में हैं और कहते हैं कि रेल सेवाएं सामान्य न होने का निम्न एवं निम्न-मध्यम वर्गीय लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
पूर्व चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज़ अध्यक्ष एवं आर्थिक मामलों के जानकार सजन कुमार जैन अपनी बेबाक प्रतिक्रिया में कहते हैं कि -अब जबकि राजनीतिक रैलियां पूरे शबाब पर हैं, हवाई उड़ानें पूरी क्षमता के साथ तथा स्कूल-कॉलेज भी लगभग पूरी तरह खुल चुके हैं, तो ऐसे में क्या ट्रेनें ही कोरोना की जकड़ में हैं ? उन्होंने कहा -वास्तव में, रेलवे प्रधानमंत्री मोदी के -आपदा को अवसर- में बदलने के नारे पर बख़ूबी अमल करने का उदाहरण पेश करते हुये आगे बढ़ रहा है, तभी तो तमाम साधारण पैसेंजर ट्रेन बन्द कर ज़्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनों के लिये स्पेशल ट्रेन के नाम पर सुपरक्लास अथवा दुगुना भाड़ा वसूला जा रहा है, जो कि नागरिकों के साथ सरासर नाइंसाफ़ी है. सरकार भले ही इसे अपनी चालाकी समझती हो, परन्तु इससे सरकार पर से लोगों का भरोसा उठ सकता है.
इस बारे में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं केसिंगा नगर अध्यक्ष दयासागर साहा भी तमाम लोगों से इत्तेफ़ाक़-ए-राय रखते हैं कि -कोरोना और स्पेशल ट्रेन के नाम पर बढ़ाया गया यात्री-भाड़ा तुरन्तु समाप्त कर आम आदमी को राहत प्रदान की जाये. उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे को महज़ कमाई का ज़रिया न समझे, क्योंकि यह न केवल आम नागरिक की सवारी है, बल्कि देश को एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ने का एकमात्र सर्वसुलभ साधन भी है.