इस साल चीन का कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाजार लगभग 6.27 अरब डॉलर तक पहुंचेगा। जबकि 2024 में इसके 17.22 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में ग्लोबल आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस मार्केट में चीन की हिस्सेदारी 15 फीसदी से ज्यादा होगी।
By Anil Azad Pandey, Beijing
चीन विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में तेज़ी से अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। हाल के वर्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर चीन की व्यापक दिलचस्पी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। बताया जाता है कि एआई में इनोवेशन के लिए चीन लगातार नए कदम उठा रहा है। इस बाबत चीन की संबंधित एजेंसियां तमाम संसाधन मुहैया करवा रही हैं, साथ ही रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। चीन विश्व का प्रमुख एआई इको-सिस्टम तैयार करने के लिए टैलेंट, रिसर्च और पूंजी के साथ विशाल मात्रा में डेटा को जोड़ने पर ज़ोर दे रहा है।
चीन ने साल 2017 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास योजना जारी की, जो कि चीन की मेड इन चाइना 2025 योजना का भी हिस्सा है। इसके साथ ही चीन इसे अपनी महत्वाकांक्षी (डिजिटल) सिल्क रोड परियोजना से भी संबद्ध कर रहा है। चीन सरकार हर प्रांत, शहर व नगरपालिका को एआई का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस बाबत लगातार भारी बजट भी मुहैया कराया जाता है। कहा जा सकता है कि चीन इस क्षेत्र में दुनिया को राह दिखाने का काम कर रहा है। इन योजनाओं के साथ ही चीन का उद्देश्य दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्ति बने रहना है और अपने नागरिकों का जीवन खुशहाल बनाना है।

कहना होगा कि चीन के पास अब एक परिपक्व और कुशल स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, जिस पर तमाम छोटी एआई कंपनियां स्थापित हो रही हैं। चीन में एआई स्टार्ट-अप्स की स्थापना, स्केलिंग और वृद्धि के लिए सरकार और निजी क्षेत्र दोनों निवेश करने में लगे हैं।
यहां बता दें कि थ्येनचिन और शांगहाई जैसे शहर इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन शहरों में अरबों डॉलर के एआई शहर वेंचर कैपिटल फंड लॉन्च किए जा चुके हैं। यहां तक की एआई कंपनियों को समर्पित विशाल क्षेत्र तैयार किए गए हैं। वहीं अन्य शहर भी एआई तकनीक का इस्तेमाल करने में रुचि दिखा रहे हैं।
इस क्षेत्र में चीन द्वारा उठाए जा रहे कदमों को मैंने विभिन्न जगहों पर महसूस किया है। जिनमें अस्पताल, ऑटो इंडस्ट्री, होटल, बैंक व तकनीकी कंपनियों आदि में एआई का काफी इस्तेमाल देखा जा सकता है। इस तरह चालक रहित कार, स्मार्ट कारें व रोबोट चीन में जारी इनोवेशन का प्रतीक बन रहे हैं।
वहीं इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) और इन्सपुर ग्रुप की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल चीन का कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाजार लगभग 6.27 अरब डॉलर तक पहुंचेगा। जबकि इसके 2024 में 17.22 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में ग्लोबल आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस मार्केट में चीन की हिस्सेदारी 15 फीसदी से ज्यादा होगी। इस तरह चीन एआई के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की दिशा में तेज़ कदम बढ़ाएगा।
लेखक चाइना मीडिया ग्रुप में वरिष्ठ पत्रकार हैं और 11 वर्षों से चीन में कार्यरत हैं।

