लालकुआं, हलद्वानी। बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग को लेकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल वन एवं संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि बीते 14 माह से वन विभाग में लंबित पत्रावली को शीघ्र राजस्व विभाग को लौटाया जाएए ताकि अधिसूचना जारी हो सके। वन मंत्री ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा सत्र के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है।
शिष्टमंडल ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 के तहत न तो 75 वर्ष पुराना निवास प्रमाण जरूरी है और न ही वन भूमि के अनारक्षण या केंद्र की अनुमति की आवश्यकता है। इसके बावजूद डीएलसी से स्वीकृति मिलने के बाद भी फाइल को वन विभाग में रोके रखना कानून के प्रावधानों के विपरीत है।
वन मंत्री ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा सत्र के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने नोडल अधिकारी को वन निवासी की परिभाषा स्पष्ट करने के निर्देश दिए और प्रमुख वन संरक्षक से फोन पर कहा कि जब दावा डीएलसी से पारित हो चुका है तो पत्रावली को रोकना अनुचित है।
शिष्टमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी और पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से भी आग्रह किया कि बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की अधिसूचना जल्द जारी कराई जाए। शिष्टमंडल में पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी, बिंदुखत्ता वन अधिकार समिति के सचिव भुवन भट्ट, समाज सेवी किरन डालाकोटी, भूतपूर्व सैनिक संगठन के कोषाध्यक्ष कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट, भरत नेगी, श्याम सिंह रावत, बसंत पांडे, बलवंत बिष्ट, धन सिंह गडिय़ा और मोहनी मेहता शामिल थे।


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