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हाल के दिनों में विवादों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ(Wrestling federation of India) को खेल मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया है। पिछले दिनों संपन्न चुनावों में जीत हासिल कर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने संजय सिंह और उनके करीबियों के लिए यह बड़ा झटका है। बता दें कि संजय सिंह को प्रॉक्सी अध्यक्ष माना जा रहा था, जो कि महिला पहलवानों के यौन शोषण संबंधी आरोपों से घिरे और निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के बहुत करीबी हैं। यह खबर ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास की घोषणा और बजरंग पूनिया द्वारा पद्म श्री लौटाने का ऐलान करने के बाद आयी है। गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिता यूपी के गोंडा में आयोजित किए जाने का ऐलान किया था। इस पर राष्ट्रीय स्तर के कई पहलवानों ने सवाल खड़ा किया था। इस बीच खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मंत्रालय ने मामले पर हस्तक्षेप करते हुए नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है।
ध्यान रहे कि पिछले हफ्ते गुरुवार को विवादित और महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह ने डब्ल्यूएफआई के चुनावों में बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन बृजभूषण जिन पर लगातार तमाम आरोप महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए थे, पहलवानों की अपील और गुहार के बाद भी उक्त विवादित व्यक्ति के खेमे वाला ही नया अध्यक्ष बन गया। इस तरह परदे के पीछे से नियंत्रण बृजभूषण सिंह का रहना तय था। इसको लेकर पहलवानों में रोष और निराशा व्याप्त है। बता दें कि जाने-माने पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट व साक्षी मलिक आदि ने बृजभूषण के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अब खेल मंत्रालय मैदान में कूद गया है। और कमान अपने हाथों में ले ली है। मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित करने का फैसला ले लिया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने कहा है कि, डब्ल्यूएफआई के नए कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए फैसले पूरी तरह से नियमों से खिलाफ हैं। साथ ही डब्ल्यूएफआई के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डिवेलपमेंट कोड भी उल्लंघन हैं। ये जो निर्णय लिए गए हैं इनमें नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता से रहित हैं। मंत्रालय ने कहा कि निष्पक्ष, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन जरूरी है। साथ ही एथलीटों, हितधारकों और आम लोगों के बीच विश्वास कायम करना अहम है। इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों को भी रद्द करने की घोषणा की है। बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद से नवनियुक्त अध्यक्ष जो फैसले ले रहे थे, उस पर पहलवानों ने सवाल उठाए थे। संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही पहलवानों के चेहरे निराश दिखे और इस बीच जानी-मानी पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी। जबकि बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री पीएम मोदी को लौटाने का ऐलान कर दिया।