नई दिल्ली। संस्कृत शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य एवं विश्वविद्यालय द्वारा संस्थापित अंतरराष्ट्रीय मामलों के कार्यालय की आगामी नीति और रणनीति के संदर्भ में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि इसका लक्ष्य संस्कृत के वैश्विक अध्ययन के आयामों के नवोन्मेषी संभावनाओं तथा उनके कार्यान्वन का उन्मुखीकरण करना है ताकि संस्कृत भाषा, इसके साहित्य और शोध के विश्व स्तरीय अवसर मिल सके।
कार्यशाला में बाह्य विशेषज्ञ के रूप में प्रो. नीता इनामदार, मनिपाल विश्वविद्यालय, मनिपाल एवं डा.दीपक कोइराला ने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल, अहमदाबाद ने भी केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए भारत सरकार का नोडल इकाई होने के नाते संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन अध्यापन तथा शोध के क्षेत्र इस विश्वविद्यालय का योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है। कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया गया।