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बुधवार को ‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023’ की एक रिपोर्ट में भारत में बेरोजगारी के चिन्ताजनक आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्नातक कर चुके युवाओ में बेरोजगारी का आंकड़ा 15 प्रतिशत के ऊपर हैं जबकि इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात ये हैं कि 25 साल से कम उम्र के स्नातक कर चुके युवाओं में बेरोजगारी की दर 42 प्रतिशत के हैरान कर देने वाले आंकड़े पर पहुंच चुकी है।
इस रिपोर्ट के अनुसार देखा जाए तो हाई एजुकेशन पाने वाले युवाओ का बड़ा समूह बेरोजगारी की मार झेल रहा है। हाई एजुकेशन वाले युवाओं जिनकी उम्र 25-29 वर्ष के बीच है इनके बीच बेरोजगारी की दर 22.8 प्रतिशत है। इसके बाद नंबर आता है उच्च माध्यमिक स्तर की योग्यता वाले युवाओं जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है इन युवाओं के बीच बेरोजगारी की दर 21.4 प्रतिशत है।
आपको बता दें कि ये रिपोर्ट अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा जारी ‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023’ की है जो कि पीएलएफएस पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (2021-2022) के आंकड़ों को देखते हुए जारी किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक युवा स्नातकों के बीच बेरोजगारी दर 42.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक 25 वर्ष से कम के ग्रेजुएट्स युवाओं के बीच बेरोजगारी दर 40 प्रतिशत से अधिक की है जबकि जो 35 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग है उनके बीच बेरोजगारी दर 5 प्रतिशत से भी कम की है। इस रिपोर्ट से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रेजुएट्स युवाओं को औसतन 20-30 साल की उम्र के बीच में नौकरी मिल जाती है। हालांकि, उन्हें कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके निकलने के तुरंत बाद नौकरी नहीं मिलती है।
रिपोर्ट के मुताबिक कमाई करने वाले लोगों में भी आमदनी की दर स्थिर रही है इससे ये बात आसानी से समझी जा सकती है कि कामकाजी लोगों की मांग उतनी ज्यादा नहीं है भले ही बेरोजगारी दर कम रही हो। साल 2021-2022 के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण को देखा जाए तो श्रम से होने वाली कुल घरेलू आमदनी में साल 2017-18 से ही 1.7 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक शहरी पुरुषों में बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत और ग्रामीण पुरुषों में 6.5 प्रतिशत है। जबकि शहरी महिलाओं में बेरोजगारी की दर 9.9 प्रतिशत और ग्रामीण महिलाओं में बेरोजगारी दर 4.5 प्रतिशत दर्ज की गई।


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