– पर्यावरण न्यायालय की स्थापना समेत कई प्रस्ताव स्वीकार
अल्मोड़ा। दक्षिण कोरिया के सांगदो (इंचोन) में 8 से 11 जून तक हुई ग्लोबल ग्रीन की पांचवीं अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लेने के बाद उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी का प्रतिनिधिमंडल लौट अया है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने बताया कि सम्मेलन में दुनिया के 80 देशों के 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रत्यक्ष व सैकड़ों लोगों ने ऑनलाइन भागीदारी की।
उन्होंने बताया कि चार दिन के गहन चिंतन के दौरान दुनिया में मानवता को पर्यावरणीय विभीषिका से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय की स्थापना करने के साथ अनेक प्रस्ताव स्वीकार किए गए। एशिया प्रशांत क्षेत्र के इस खूबसूरत और तकनीकी रूप से विकसित देश में कार्यक्रम का उदï्घाटन गिनी और फिजी के आदिवासियों की सांस्कृतिक परम्पराओं के साथ हुआ।
सम्मेलन के आयोजक कोरिया ग्रीन ने दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद ग्लोबल ग्रीन के प्रमुख नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने दुनिया में समानता व मानवाधिकारों के लिए एकजुट होकर चुनौतियों का सामना करने की अपील की। उद््घाटन कार्यक्रम के बाद दुनियाभर से आए विषय विशेषज्ञों, विभिन्ïन देशों और महाद्वीपों के सक्रिय समूहों के बीच गहन संवाद हेतु सेमिनारों, बैठकों का सिलसिकल चला। सम्मेलन में लैंगिक भेदभाव पर सख्ती से रोक लगाने, लगातार गरम हो रही धरती को बचाने के लिए जीवाश्म ईंधन के उपयोग में कमी लाकर वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने, पर्यावरणीय विनाश से हो रहे पलायन विस्थापन को रोकने के लि क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर क्ïलाइमेट इमरजेंसी लागू कराने हेतु दबाव बनाने के लिए ठोस उपाय करने की मांग की गई। दुनिया की लगभग नौ सरकारों में शामिल ग्रीन पार्टियों से चुने गए सैकड़ों सांसदों व जनप्रतिनिधियों से इन सवालों पर सक्रिय पहल रकरने की अपील की।

सम्मेलन में विभिन्ïन देशों के प्रतिनिधियों ने हिमालयी क्षेत्रों में भू माफिया की बढ़ती गतिविधियों, बड़ी कंपनियों से सरकारों की मिली भगत से जोशमठ जैसे आपदा होने, विनाशकारी बांधों, अतिक्रमण के नाम पर वन क्षेत्रों में रहनेे वाले निवासियों, गरीबों को उजाडऩे व लोकतांत्रिक अधिकारों को संकुचित करने के मामले उठाए। प्रतिनिधिमंडल में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा, उत्तराखंड छात्र संगठन की हेमा कांडपाल व उच न्यायालय की एडवोकेट स्ïिनग्धा तिवारी शामिल थे।

