अल्मोड़ा। पूर्व उपाध्यक्ष (कैबिनेट स्तर) एनआरएचएम बिट्टू कर्नाटक ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। सीएम को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अल्मोड़ा मेडिकल कालेज स्वीकृत किया गया था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में अभी तक स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त नहीं हो पाई हैं। इस कारण पहाड़ के लोगों को आज भी अपने इलाज के लिए मैदानी क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है। कर्नाटक ने कहा है कि यदि मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से संचालित नहीं हुई तो वे 15 मार्च से मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के कक्ष में भूख हड़ताल में बैठ जाएंगे।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बिट्टू कर्नाटक ने कहा है कि लगभग 350 करोड़ से अधिक लागत से अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को बनाया गया है। दो वर्ष पूर्व इसका संचालन किया गया था। लेकिन दो साल बीतने के बावजूद आज तक मेडिकल कालेज में न तो ऑपरेशन थियेटर है, न आईसीयू रूम है, न एनआइसीयू है, न एमआरआई मशीन है, न इको जांच सुविधा है, न ऑक्सीजन प्लांट है, न चिकित्सा के पर्याप्त उपकरण ही हें और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक ही यहां हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज द्वारा गंभीर रोगियों को उपचार के लिए हल्द्वानी अथवा हायर सेंटर हेतु रैफर कर रहे हैं। इससे यहां की जनता आहत है। जबकि मेडिकल कॉलेज बनाने का मुख्य उद्देश्य यही था कि पहाड़ के लोगों का यहां इलाज हो सके। अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के लोगो को यहां चिकित्सा सुविधा मिल सके। लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक यहां लोगों केा चिकित्सा की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कर्नाटक ने कहा है कि यदि एक माह के भीतर मेडिकल कालेज में चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिली तो वे 15 मार्च से भूख हड़ताल करेंगे।