नई दिल्ली। ऐतिहासिक लाल किला परिसर में चल रहे भारत पर्व समारोह में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया। उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले के कुंवारी गांव की लोकनृत्य कलाकार लक्ष्मी दानू ने लोकनृत्य में भाग लिया। सोशल मीडिया से लेकर अब उत्तराखण्ड के विभिन्न मंचों पर अपनी प्रस्तुति देकर लक्ष्मी दानू बहुत खुश हैं वह कहती हैं कि उन्हें अब उत्तराखण्ड के विभिन्न मंचों में मौका मिल रहा है जिससे उसको नई पहचान मिल रही है। लालकिले में आयोजित भारत पर्व समारोह में उत्तराखड के लोककलाकारों ने उत्तराखण्ड के प्रमुख परिधान नथ व पिछौड़ा पहनकर शानदार रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
लक्ष्मी दानू बताती हैं कि वह एक साधारण परिवार से हैं। वह अपने दो बच्चों और पति के दिल्ली में रहती हैं। बचपन से ही उसे नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने का शौक रहा है। इसी के चलते उसने अपने पहाड़ी गीत-संगीत में छोटी-छोटी लोकनृत्य की विडियो बनाकर सोशल मीडिया इंस्टाग्राम और फेसबुक में डालना शुरू किया जिससे उसे पहचान तो मिली ही साथ ही उसका मनोबल भी बढ़ता गया और अब वह उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों के तौर पर एक प्रमुख चेहरा बनती जा रही हैं। लक्ष्मी उत्तराखड के कुमाऊनी, गढ़वाली, जौनसारी और हिन्दी गानों में अपने छोटे छोटे क्लीपिंग बनाकर अपलोड करती रहती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि हाल ही में लक्ष्मी दानू ने दिल्ली के प्रगति मैदान में भी अपनी प्रस्तुति दी थी जिसमें उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे। लक्ष्मी का कहना है कि उसे इन बड़े मंचों में जाने का अवसर मिल रहा है जिससे वह बहुत खुश है और आने वाले दिनों में वह इस क्षेत्र में और भी बेहतर करने की कोशिश करेगी।


