Report Ring Desk
पिथौरागढ़। 23 मार्च, भगत सिंह शहादत दिवस के अवसर पर न्यू कॉलोनी, ऐंचोली, पिथौरागढ़ में पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया. विगत वर्षों से स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए विविध गतिविधियों के आयोजन में सक्रिय ‘ऐंचोली विज्ञान क्लब’ एवं ‘ऐंचोली फ़िल्म क्लब’ के युवाओं और बच्चों द्वारा ही इस पुस्तकालय की स्थापना की गयी है.
उद्घाटन अवसर पर उपस्थित बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ शिक्षक-साहित्यकारों के बीच अपनी बात रखते हुए कार्यक्रम संचालक महेंद्र ने बताया कि ‘ऐंचोली में विज्ञान व फ़िल्म क्लब द्वारा नियमित रूप से कार्यशालाओं व फ़िल्म-स्क्रीनिंग का आयोजन तो किया जाता रहा है, पढ़ने के लिए पुस्तकें भी अनौपचारिक रूप से बच्चों को उपलब्ध करवायी जाती रही थी लेकिन एक पुस्तकालय की ज़रूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी. ऐसे में शहादत दिवस के अवसर पर शहीदों को याद करते हुए पुस्तकालय का शुभारंभ होना एक शानदार अनुभूति है.’
पुस्तकालय अभियान के बारे में अपनी बात रखते हुए शिक्षक एवं कुमाऊँनी भाषा के प्रसार के लिए सक्रिय साहित्यकार दिनेश भट्ट ने कहा कि “पढ़ने पढ़ाने और समाज को नई दिशा देनी हो तो युवा सबसे ज्यादा ऊर्जावान माना जाता है. युवा अपने प्रयासों से पूरे समाज में परिवर्तन ला सकता है. आज युवाओं द्वारा किए यह कार्य सच में बहुत अच्छे हैं. मुझे अफसोस है कि हम ऐसे समय में पैदा हुए जब पढ़ने के कोई साधन नहीं थे. अखबार आते थे, वह भी 3 दिन बाद. आज पढ़ने का वातावरण है, वह पढ़ने में मददगार है और यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत है.
आयोजन अवसर पर बात को आगे बढ़ाते हुए कवि-शिक्षक रमेश जोशी ने कहा कि ”जीवम में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली किताबें हमारे मन-मस्तिष्क में नयापन लाती है और नकारात्मक ऊर्जा को हमसे दूर रखती है. दुनिया को बेहतर ढंग से समझने व देखने का एक ज़रिया किताबों से परिचित होना है.
शिक्षक-साहित्यकार महेश पुनेठा ने ऐंचोली के युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि “पुस्तकालय की स्थापना एक शानदार प्रयास है. इसी तरह हर मोहल्ले में पुस्तकालय की स्थापना होनी चाहिए. अगर गांव या मोहल्ले में पढ़ने का वातावरण है और अगर उससे एक या दो बच्चों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आ पाता है तो भी आपका प्रयास सफल है.” उन्होंने पुस्तक पढ़ने के लिए अधिक लोगों को प्रेरित करने के मुद्दे पर सुझाव देते हुए कहा कि “अपनी पढ़ी हुई पुस्तक पर बातचीत करना , उस पर चर्चा करने से अधिक लोग उस पुस्तक को पढ़ने, उन विचारों को जानने के लिए प्रेरित होंगे.”
पुस्तकालय संचालकों की ओर से अंत में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर एवं लेखिका रश्मि रावत जी एवं उनके द्वारा संचालित ‘विदुज बेटन’ का आभार प्रकट किया गया. आभार प्रकट करते हुए रोहित ने कहा कि “यह उनके प्रयासों से ही संभव हुआ कि एन.बी.टी., एकलव्य, इकतारा, प्रकाशन संस्थान, राजपाल प्रकाशन से चुनिंदा और उत्कृष्ट बाल साहित्य ऐंचोली पुस्तकालय तक पहुंच सका और पुस्तकालय व्यवस्थित रूप से शुरू हो सका.” आगे उन्होंने कहा कि “पुस्तकालय में अब बाल साहित्य, इतिहास, समाज, संस्कृति, अर्थ, राजव्यवस्था व विज्ञान पर विविध पुस्तकें उपलब्ध हैं.”
‘आरंभ’ के शिवम ने ‘विदुज बेटन’ के परिचय-पत्र को पढ़ते हुए यह बताया कि विदु की याद में इस उपक्रम को शुरू किया गया था. विदु 23 वर्ष की युवा डॉक्टर थी,जो अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन जिन सामाजिक मूल्यों में वह आस्था रखती थी, उनके लिए संघर्ष अब भी जारी है. विदु के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि “समानता को महत्व देने वाली विदु हमेशा समाज-सेवा से जुड़ी रही. सभी से जल्द घुल-मिल जाने वाली विदु के व्यवहार में समानता जीवंत थी, वह सभी से गरिमामय व्यवहार किए जाने को बहुत महत्व देती रही.”
इस अवसर पर ‘ऐंचोली विज्ञान क्लब’ के रोहित, सोनाली, श्रेया, दीक्षा, अंकुश, सचिन, सागर ‘आरंभ’ के आशीष, दीपक, शिवम, अमित, शीतल, गणेश आदि मौजूद रहे.