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पुलिस क्षेत्राधिकार में आएंगे राज्य के 1983 राजस्व गांव, सीएम ने बताया ऐतिहासिक कदम

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नैनीताल। राज्य सरकार द्वारा राज्य के 1983 राजस्व गांवों को अब नियमित पुलिस क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश और पूर्व मंत्रिमंडलीय निर्णयों के अनुरूप राज्य की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करने के उदे्श्य से यह निर्णय लिया गया है।

उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय से जिलों के ग्रामीण और सीमांत इलाकों में अब सीधे नियमित पुलिस व्यवस्था लागू हो जायेगी, जिससे अपराधों पर नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और न्याय की उपलब्धता मजबूत होगी। सीएम धामी ने भी इस कदम को ऐतिहासिक बताया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश की कानून व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से जनता की सुरक्षा एवं विश्वास में वृद्धि होगी, जिससे एक सुरक्षित और स्वच्छ सामाजिक वातावरण बनेगा। साथ ही पुलिस व्यवस्था और अधिक प्रभावी तथा जवाबदेह बनेगी।

9 नए थाने और 44 चौकियों लिए होगी 628 पदों की आवश्यकता

राजस्व पुलिस के खत्म होने के बाद राज्य में नियमित पुलिस ही कानून व्यवस्था संभालेगी। इसके लिए नए थाने और चौकी खोले जाने हैं तो पदों की भी आवश्यकता जरूर होगी। ऐसे में पुलिस ने दूसरे चरण के प्रस्ताव के साथ नए थाने-चौकियों के लिए पुलिस फोर्स के विभिन्न पदों की मांग भी शासन से की है। नौ नए थाने और 44 चौकियों के लिए 628 पदों की आवश्यकता होगी। पुलिस की ओर से इन पर हर वर्ष करीब 34 करोड़ रुपये के व्ययभार को भी शासन को बताया है। अब इस पर शासन को निर्णय लेना है।

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