Report ring desk
देहरादून। तीन बच्चों के सिर से मां का साया क्या उठा, पिता भी उन्हें छोड़कर भाग गया। बच्चों को न तो अपने किसी रिश्तेदार के बारे में पता है और ना ही उनका कोई अपना घर है। जब इसका पता एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को लगा तो वह डोईवाला पहुंच गई और तीनों बच्चों को अपने साथ देहरादून ले आई।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एसआइ मोहन सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि केशवबस्ती, डोईवाला में तीन बच्चे किराये के घर में रहते हैं। पुलिस डोईवाला स्थित केशवबस्ती पहुंची। तीनों बच्चों की काउंसलिंग से पता चला कि बच्चों की मां की मौत पांच साल पहले हो गई थी। वह अपने पिता के साथ किराये के कमरे में रहते थे। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर पिता दिसंबर 2020 में उन्हें छोड़कर कहीं चला गया और लौटकर नहीं आया।
इनमें दो बालिकाएं 12 व 11 साल की हैं, जबकि एक बालक पांच वर्ष का है। बालिकाएं महिला के पहले पति की हैं । पहले पति की मौत के बाद महिला ने डोईवाला में एक व्यक्ति से दूसरी शादी की थी। इसके बाद उनका एक बेटा हुआ। बेटे के जन्म के समय ही महिला की मौत हो गई। आरोप है कि मां की मौत के बाद से ही पिता ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया था।
बच्चों को न तो अपने किसी रिश्तेदार के बारे में पता है और ना ही उनका कोई अपना घर है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने रेस्क्यू कर मेडिकल करवाने के बाद मंगलवार को उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति के आदेश पर बच्चे को शिशु निकेतन व बालिकाओं को बालिका निकेतन केदारपुरम भेजा गया है।
कोरोनाकाल में मकान मालकिन ने माता व पिता का फर्ज निभाते हुए उनका लालन.पालन किया। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद उन्होंने तीनों बच्चों को अपने घर पर रखा और खुद ही उनके खाने.पीने का इंतजाम किया।