-दिल्ली में रहकर भी उत्तराखण्ड की आत्मा हमारे भीतर जीवित- मोहन बिष्ट
-अपनी जन्मभूमि की उन्नति में सक्रिय योगदान देने का आह्वान
नई दिल्ली। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष में दिल्ली विधानसभा के प्रांगण में रजत जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड की संस्कृति, संघर्ष और समर्पण की भावना देखने को मिली। इस अवसर पर विचार मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने की।

अपने संबोधन में विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन बिष्ट ने राज्य निर्माण में बलिदान देने वाले आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि दिल्ली में रहकर भी उत्तराखंड की आत्मा हमारे भीतर जीवित है। यही प्रवासी समाज उत्तराखंड की असली शक्ति है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आज नवाचार, स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश कर रहा है। बिष्ट ने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपनी जन्मभूमि की उन्नति में सक्रिय योगदान देने का आह्वान करते हुए कहा कि आने वाला दशक ‘उत्तराखंड का दशक’ साबित होगा।

कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्य, समाजसेवा, संस्कृति और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 25 प्रतिनिधियों को ‘बिजनेस उत्तरायणी उत्कृष्ट सेवा सम्मान 2025’से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हिमालयन रिसोर्सेज एन्हांसमेंट सोसाइटी और बिजनेस उत्तरायणी मीट्स श्रृंखला के तहत किया गया जो पिछले सात वर्षों से स्वरोजगार जागृति और उद्यमिता विकास के क्षेत्र में सक्रिय है।
कार्यक्रम का संचालन नीरज बवाड़ी एवं अधिवक्ता महेश सिंह बिष्ट ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े वरिष्ठ जनों और युवाओं ने भाग लिया।







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