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हल्द्वानी। कहते है कि अच्छी जिंदगी का रास्ता अच्छी किताबों से होकर गुजरता है। जिन बच्चों की पहुंच में अच्छी किताबें और लाइब्रेरी नहीं है। उनकी मदद के लिए हिमोत्थान व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था ने घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी शुरू की है। दूरस्थ गांवों में जहां सड़क, संचार नेटवर्क व पढ़ाई के संसाधनों का अभाव है, वहां घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच रही है। युवाओं की टोली अब तक 300 पुस्तकें बांट चुकी है।
युवाओं की टोली बच्चों को सामान्य ज्ञान, प्रेरक कहानियां और नैतिक शिक्षा संबंधी किताबें उपलब्ध करा रही है। युवाओं का कहना है कि उनका प्रयास बच्चों को साहित्य व नैतिक शिक्षा से जोड़ना है। नैनीताल जिले के कोटाबाग के आंवलाकोट निवासी शुभम बधानी ने बताया कि वह हिमोत्थान संस्था के लाइब्रेरी कार्डिनेटर व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष हैं।
शुभम ने युवाओं के साथ मिलकर बच्चों को साहित्य और नैतिक शिक्षा से जोड़ने की मुहिम शुरू की। बाघिनी गांव से घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने का निर्णय लिया। इस गांव के लोगों की मदद से एक घोड़ा मिला। घोड़े की पीठ पर पुस्तकें लेकर वह टीम के साथ गांव में निकले और बच्चों को पुस्तकें बांट रहे हैं।