Report ring Desk
नैनीताल। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से यहां का जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों के कारण 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। झुतिया गांव में एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा अभी लापता बताया जा रहा है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।
नैनीताल जिले के क्वारब में 2, कैंची धाम के पास 2, बोहराकोट में 2 और ज्योलिकोट में एक व्यक्ति की मौत हुई है। अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। चंपावत में तीन और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई। किच्छा में बारिश का पानी घर में घुसने से एक महिला की मौत हो गई। नैनीताल के ओखलकांडा और चम्पावत में आठ लोग लापता बताए जा रहे हैं।
कुमाऊं के छह हाईवे समेत 92 स्टेट हाईवे व संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। नैनीताल जिले में 15, पिथौरागढ़ जिले में 28, चंपावत में 14, अल्मोड़ा में 22, बागेश्वर में 10 सड़कें बंद हो गई हैं। नैनीताल व पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। काली, गोरी, सरयू, गोमती, शारदा, कोसी और गौला नदी उफान पर हैं। नैनीताल झील के लबालब होने के बाद पहली बार माल रोड व वोट हाउस क्लब तक पानी भर आया। झील का पानी ओवरफ्लो होकर दुकानों में घुसने लगा तो सेना की मदद से दुकानदारों को सुरक्षित निकाला गया। हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर गरमपानी व खैरना क्षेत्र में आपदा को देखते हुए रानीखेत से 14-डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने खाद्य सामग्री व दवाइयां बांटी।
मुख्यमंत्री ने की मुवाजे की घोषणा
देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कुमाऊं का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा, जबकि नुकसान पर प्रभावितों को 1.9 लाख मुआवजे की घोषणा की।