Report ring Desk
अल्मोड़ा। एनएचएम के पूर्व उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने सरकार से आशा वर्कर्स व आशा फैसिलेटरों की लंबित मांगों को समस्याओं का तत्काल निवारण करने की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में कर्नाटक ने कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्र्तगत ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यो विशेषकर महिलाओं/बच्चों की देख-रेख, गर्भवती महिलाओं के प्रसव, समस्त टीकाकरण आदि कार्यो हेतु आशा वर्कर्स तथा आशा फैसिलेटरों की नियुक्ति की गयी है। आशा वर्कर्स तथा आशा फैसिलेटरों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यो में अहम भूमिका निभाई जाती है जिसके लिये उन्हें विशेषकर
उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों के दुर्गम क्षेत्रों में अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कार्य करना पडता है ।
ज्ञापन में कर्नाटक ने कहा कि इन कार्मिकों को सन्तोषजनक मानदेय, भत्ते एवं अन्य सुविधा न मिलने के कारण ये अपनी आजिविका चलाने में असमर्थ हो रही हैं, जिस कारण गत वर्ष इनके द्वारा अपनी जायज मांगों के लिये अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन कर सरकार, शासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित किया गया था। तब सरकार ने इनके हक में निर्णयं लेते हुये शासनादेश दिए थे। लेकिन तब दिए गए शासनादेशों के अनुसार इन कार्मिकों के खातों में पूर्ण धनराशि प्राप्त नहीं हो पा रही है।
कर्नाटक ने मांग की है कि उक्त कार्मिकों की मुख्य लम्बित समस्याओं का निराकरण तत्काल किया जाए ताकि ये कार्मिक और समर्पित भाव से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यो को सुचारू रूप से संचालित कर सकें।