देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार राज्य में बगैर टीईटी तैनात बेसिक शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। कैबिनेट में इस पर मुहर लगने के बाद शासन स्तर पर रिव्यू याचिका को लेकर विधिक राय ली जा रही है।
मालूम हो कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद राज्य के बेसिक शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बन गई थी। राज्य में करीब 18 हजार बेसिक शिक्षक ऐसे हैं जो टीईटी की पात्रता नहीं रखते हैं।
शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद 2011 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बेसिक शिक्षकों के लिए टीईटी की पात्रता अनिवार्य कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों की तैनाती 2011 से पहले की है। साथ ही इसमें ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं जो शिक्षा मित्र से बेसिक शिक्षा में समायोजित हो गए थे।







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