देहरादून। बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आज (मंगलवार) 2 बजकर 56 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर को करीब दस क्ïिवंंटल फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ मंदिर में पंच पूजाओं के तहत सोमवार को माता लक्ष्मी मंदिर में कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी अमरनाथ नंबूदरी ने माता लक्ष्मी को बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया।
बदरीनाथ धाम में 21 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू हो गई थीं। गणेश मंदिर, आदि केदारेश्वर व आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट बंद होने के बाद मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो गया है। सोमवार को माता लक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजाएं आयोजित की गईं। मुख्य पुजारी ने माता लक्ष्मी मंदिर में जाकर उन्हें बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया। अब शीतकाल के लिए 25 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को करीब दस क्ïिवंटल फूलों से सजाया गया है।
कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद छह माह तक माता लक्ष्मी मंदिर परिक्रमा स्थल पर स्थित मंदिर में विराजमान रहती हैं।
चार धाम यात्रा का बना रिकार्ड
उत्तराखंड राज्य के चारों धामों में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का इस बार नया रिकार्ड बन गया। चारों धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इस बार 51 लाख रही जबकि पिछले वर्ष 48 लाख श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए थे। 30 अपे्रल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज हुआ था तब से लेकर अब तक 51 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए और इस दौरान पर्यटन व्यवसाय में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली और अब चारों धामों के भगवान के दर्शन श्रद्धालु शीतकालीन यात्रा में कर सकते हैं। इस बार केदारनाथ में 17,68,795 और बद्रीनाथ में 16,52,971 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।






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