नई दिल्ली। नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उन्होंने शुक्रवार देर शाम को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली। नेपाल में जेन-जेड की अगुवाई वाले हिंसक प्रदर्शनों के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के साथ सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल की मौजूदगी में Gen-Z समूहों की बैठक में सुशीला कार्की के नाम पर समर्थन मिला है।
सुशीला कार्की ने 1979 में विराटनगर में एक वकील के रूप में अपने कानूनी करियर की शुरूआत की। 2009 में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं। वह 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी। भ्रष्टाचार के खिलाफ अडिग रुख को लेकर उन्हें पहचान मिली। खास रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों में वर्तमान मंत्री जय प्रकाश गुप्ता को दोषी ठहराने और कारावास का आदेश जारी करने के लिए। कार्की ने 1975 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री ली। 1978 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके सुशीला कार्की को शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा है, नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर सुशीला कार्की को हार्दिक शुभकामनाएं। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।


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