Uttarakhand DIPR
WhatsApp Image 2023 09 01 at 16.30.49

डॉ. राधाकृष्णन को फूलों से सजी गाड़ी में स्टेशन छोड़ने के लिए जाते थे छात्र

खबर शेयर करें

Report ring desk

5 सितंबर को देश शिक्षक दिवस मनाता है। यह दिन शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने का है, साथ ही छात्र और शिक्षकों के रिश्ते पर भी चर्चा होती है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन छात्र- छात्राओं में इतने लोकप्रिय शिक्षक थे कि उनका जन्म दिन बतौर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। एक बार की बात है उन्हें स्टेशन छोड़ने के लिए स्टूडेंट्स फूलों से सजी गाड़ी में लेकर गए थे।

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तानी में हुआ था। उनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरस्वामी और माता का नाम सीताम्मा था। उनकी शादी सिवाकामू से हुई थी। वह पांच बेटियों और एक बेटे के पिता थे।

Hosting sale

डॉ. राधाकृष्णन प्रारंभिक शिक्षा लूनर्थ मिशनरी स्कूल, तिरुपति और वेल्लूर में हुई है। शुरुआती एजुकेशन पूरी करने के बाद डॉ. राधाकृष्णन ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने फिलोसोफी में मास्टर की डिग्री ली । वर्ष 1916 में मद्रास रेजिडेंसी कॉलेज में बतौर असिस्‍टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ाना शुरू कर दिया । इसके बाद उन्होंने लंबे समय तक अध्यापन कार्य किया।
वह 1931 से 1936 तक, वह आंध्र विश्वविद्यालय में कुलपति रहे थे। इसके बाद साल 1939 से 1948 तक, वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर भी थे। इसके बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय में वह 1953 से 1962 तक चांसलर रहे।
एक बार की बात है डॉ राधाकृष्णन को मैसूर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उन्हें फूलों से सजी हुई गाड़ी में स्टेशन तक ले गए थे। वर्ष 1952 में डॉ राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने थे और 1962 में वह स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने डॉ राधाकृष्णन की याद में राधाकृष्णन चेवेनिंग स्कॉलरशिप और राधाकृष्णन मेमोरियल अवॉर्ड की शुरुआत की थी।
वर्ष 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया था।

 

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top