हेराफेरी में शामिल किसी को छोड़ा नहीं जाएगा- धन सिंह
देहरादून। प्रधानमंत्री पोषण योजना में हुए वित्तीय गमन की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसके लिए अनुमोदन देते हुए कहा कि सरकारी धन की हेराफेरी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। करीब 3.18 करोड़ रुपए के गबन का यह मामला देहरादून जिले में पीएम पोषण प्रकोष्ठ से जुड़ा है।
अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता में हुई रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि आरोपी ने अपने तकनीकी ज्ञान का दुरुपयोग कर वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच करोड़ों रुपए अवैध रूप से ऑनलाइन ट्रंासफर किए हैं। रिपोर्ट में दर्ज है कि आरोपी ने अलग अलग अज्ञात खातों में ट्रांसफर किया है, इसमें आधा दर्जन जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)और वित्त एवं लेखाधिकारी जांच के दायरे में आए हैं।
प्रकरण की तह तक पहुंचने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंपी गई है, ताकि घोटाले के आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जिसने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती है। विभागीय जांच में डीईओ बेसिक देहरादून के कार्यालय में कार्यरत उपनल कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से दोषी पाया गया है। वहीं, प्रकरण में छह जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक सहित वित्त एवं लेखाधिकारी भी जांच के घेरे में है।
शिक्षा मंत्री ने कहा, भविष्य में ऐसे प्रकरण न हों इसके लिए वित्तीय एवं अन्य गोपनीय काम केवल जिम्मेदार और सक्षम स्थाई कार्मिकों को ही सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।


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