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राजस्थान स्थापना दिवस: आठ दिवसीय राजस्थान उत्सव शुरू

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नई दिल्ली। राजस्थान की उद्योग मंत्री  शकुंतला रावत ने राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बीकानेर हाउस के चांदनी बाग में आयोजित आठ दिवसीय राजस्थान उत्सव में बुधवार को सांय पारम्परिक चंग नृत्य कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह के कार्यक्रम प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश की संस्कृति से जोड़ने के प्रयास में कारगर सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर  शकुंतला रावत ने सभी को राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजस्थान वीरों, मीरा बाई, तपस्वियों और पन्ना धाय जैसी वीरांगनाओं की धरती है। उन्होंने सभी प्रवासी राजस्थानियों का प्रदेश में आने का निमंत्रण दिया और कहा कि राजस्थान की हवेलियां, महल देखते ही बनते हैं। राजस्थान के लोगों की वाणी मीठी है। इस प्रदेश का कल्चर बेहद लुभावना है। समारोह में प्रमुख आवासीय आयुक्त शुभ्रा सिंह, राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त  धीरज श्रीवास्तव सहित प्रवासी राजस्थानियों सहित अन्य  व्यक्ति मौजूद थे।

चांदनी बाग में पारम्परिक चंग नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति ने प्रवासी राजस्थानियों सहित सभी आगंतुकों का मन मोह लिया। राजस्थान फाउंडेशन और राजस्थान स्टूडियो की ओर से आयोजित इस सांस्कृतिक आयोजन में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के प्रसिद्ध लोक गायक कलाकार गणेश खिची और साथी कलाकारों ने धमाकेदार प्रस्तुति दे कर शाम को कृष्णमय बना दिया। बांसुरी की मधुर तान पर चंग की लयबद्ध ताल पर जब कलाकारों ने नृत्य आरम्भ किया तो सभी उपस्थित ऑनग्रांउड एवं ऑनलाइन कलाप्रेमी गाने एवं झुमने लगे।

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कार्यक्रम में राजस्थान फांउडेशन के आयुक्त,  धीरज श्रीवास्तव ने राजस्थान दिवस पर प्रवासी राजस्थानियों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शुभकामना सन्देश भी पढ़ कर सुनाया। कार्यक्रम के दौरान  कार्तिक गग्गर ने चंग प्रस्तुति के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री, विश्वेन्द्र सिंह का राजस्थान दिवस पर बधाई ऑडियो सन्देश भी प्रसारित किया गया।

चंग नृत्य में प्रस्तुत डिवोशनल गीतों में – रंग मत डारे रे सांवरिया म्हारो गूजर मारे रे, घर मत आजे काना सास बुरी छः नन्दूली नादान म्हाने बोल्या मारे रे, नैना नीचा करले श्याम से मिलावेली काई रे नैना नीचा करले, चार तो चंगा की टोल्या बाजारां में बाजे रै, चालो देखण ने बाई सा थारो बीरो नाचै रै, ढप बाज्यों रे श्याम अलबेल्या को ढप बाज्यारे, आदि गीत शामिल थे। गणेश खिची के साथ गायन में सिमरन सिंह ने संगत दी। अन्य साथी कलाकारों में चंग प्लेयर नवरंग सिंह शेखावत, जुगल सिंह एवं नरेंद्र सोनी शामिल थे जबकि ऑक्टोपैड पर हेमंत जुथारिया, ढ़ोलक पर जगदीश राव और दीपक चैहान ने कीबोर्ड पर संगत दी।

समारोह में पूर्व डॉ. कमल एस. सक्सेना की राजस्थान को भारत के बाजरे के कटोरे के रूप में आधारित प्रेजेंटेशन ‘हरे घास की रोटी‘ भी पेश किया गया। कार्यक्रम का समापन गाज़ी खान द्वारा प्रस्तुत धमाकेदार डेजर्ट सिम्फनी के साथ हुआ।

इससे पूर्व उद्योग मंत्री  शकुंतला रावत के बीकोनर हाउस आगमन पर राजस्थानी परम्परानुसार धीरज श्रीवास्वत ने उनका स्वागत किया। राजस्थान पर्यटन के सहायक निदेशक छत्रापाल यादव ने उन्हें पगड़ी पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया।  रावत ने रूडा द्वारा आयोजित हाट बाजार का अवलोकन करते हुए प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए प्रतिनिधियों से उनके स्टॉल्स पर जाकर उनके उत्पादों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

 

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