चंपावत । चंपावत जिले के रीठा साहिब निवासी पुष्कर सिंह कोटलिया ने अपनी जीवटता से साबित किया है, जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। खेलने कूदने की उम्र में उन्हें हड्डियों की गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। उस समय पुष्कर दसवीं के छात्र थे। पांच साल बिस्तर में पड़े रहे। एक दिन हिम्मत जुटाई लाठी के सहारे उठने की कोशिश की। गिरते पड़ते आंगन में गए। कुछ और हिम्मत जुटाई दो हैंड स्टिक के सहारे दोबारा स्कूल पहुंच गए। दसवीं में एडमिशन लिया और बीमारी से ध्यान हटाकर पढ़ाई शुरू की। एमए, बीएड तक पढ़ाई की और टैट भी पास किया। पुष्कर अब हल्द्वानी में रहते हैं। इश्योरेंस सहित ऑनलाइन के सारे काम करते हैं। ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय भी कर रहे हैं। पुष्कर अपने परिवार में सबसे अधिक क्वालीफाइड हैं। बिजनेस सहित अन्य मामलों में सगे संबंधियों का मार्गदर्शन करते हैं।
बिना सहारे के नहीं हो पाते खड़ा
पुष्कर खुद खड़े नहीं हो पाते हैं। हाथ की अंगुलियां और गर्दन भी सही से काम नहीं करती है। शारीरिक दिक्कतों के बावजूद वह हल्द्वानी में अकेले किराये के कमरे रहते हैं। इंश्योरेंस, गाड़ियों और बैंक के काम के लिए खुद की चल पड़ते हैं।
राजनीति में भी अजमाया हाथ
पुष्कर को राजनीति का भी शौक है। उन्होंने पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। उनका मानना है कि गांव के चुनाव में योग्यता से वोट नहीं मिलते हैं अन्य समीकरण भी काम करते हैं। वह चुनाव परिणाम से निराश नहीं हैं । कहते हैं कि अगली बार और तैयारी के साथ चुनाव लड़ेंगे।


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