देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने अग्निवीरों को संविदा पदों पर भर्ती में आरक्षण के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब अग्निवीरों को सेवाकाल पूरा होने पर समूह ग के वर्दीधारी पदों की सीधी भर्ती में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। इसमें अग्निवीरों का उत्तराखंड का मूल निवासी या स्थायी निवासी होना जरूरी है।
कैबिनेट ने सेना से सेवामुक्त होने वाले अग्निवीरों को समूह ग की सीधी भर्ती में वर्दी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी दी है। पुलिस आरक्षी (नागरिक व पीएसी) उप निरीक्षक, नागरिक पुलिस, प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, फायरमैन, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी सिपाही, प्रवर्तन सिपाही, सचिवालय रक्षक के पदों पर अग्निवीरों को नौकरी के लिए आरक्षण का लाभ मिलेगा। सेवा मुक्त अग्निवीरों की सीधी भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा नहीं होगी। इसके साथ ही सेना में दी गई कुल सेवा के बराबर सीधी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में छूट मिलेगी।
धर्मांतरण कानून में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
इसके साथ ही सरकार ने धर्मातरण कानून और सख्त करने के लिए कानून में कुछ संशोधनों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। ऐक्ट में संशोधन कर सजा को दस साल से बढ़ा कर 14 साल की गई है, कुछ मामलों में सजा 20 साल तक हो सकत है। जुर्माना राशि भी बढ़ाकर 50 हजार से 10 लाख की गई है।


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