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Ayodhya 1

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री मोदी ने फहराया ध्वज

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आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है- पीएम

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार और जयश्री राम के नारों की गूंज के बीच ध्वज फहराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। पीएम ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के 191 फुट ऊँचे शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया, जो मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। हर रामभक्त के हृदय में अद्वितीय संतोष है, असीम कृतज्ञता है, अपार, अलौकिक आनंद है।

मोदी ने कहा कि सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्वलित रही। जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं। उन्होंने कहा कि आज भगवान श्रीराम के गृभगृह की अनंत ऊर्जा, श्रीराम परिवार का दिव्य प्रताप, इस धर्मध्वजा के रूप में इस दिव्यतम, भव्यतम मंदिर में प्रतिष्ठापित हुआ है।

पीएम ने कहा कि यह धर्म ध्वज संकल्प का प्रतीक है। यह धर्म ध्वज संघर्ष से उत्पन्न विजय की गाथा है। यह धर्म ध्वज सदियों से संजोए गए स्वप्न का साकार रूप है। यह संतों की भक्ति और समाज की सामूहिक भागीदारी का पावन परिणाम है। आने वाली सदियों और सहस्राब्दियों तकए यह धर्म ध्वज भगवान राम के आदर्शों और सिद्धांतों का उद्घोष करता रहेगा। ये धर्मध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका भगवा रंग, इस पर रचित सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है।

पीएम अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अडï्डे पर उतरे। वहां पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। वहां से उनके वाहनों का काफिला रोड शो के रूप में रामपथ की तरफ बढ़ा। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री नए बने सप्तमंदिर पहुंचे। जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मिीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी के मंदिर हैं।

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