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भारत-नेपाल के बीच सांस्कृतिक सहयोग, परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण पर संवाददाता सम्मेलन

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भारत-नेपाल हिमालयी लोक संस्कृति परिषद हल्द्वानी में करेगा वार्षिक संगोष्ठी

नई दिल्ली। भारत-नेपाल हिमालयी लोक संस्कृति परिषद की ओर से दिल्ïली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक सहयोग, हिमालय क्षेत्र की परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण पर संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आगामी दिसंबर माह में उत्तराखंड के हल्द्वानी में वार्षिक संगोष्ठी के आयोजन की घोषणा की गई, जिसमें पर्यावरण एवं लोकसंस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को केंद्र में रखकर विशेष सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

भारत-नेपाल साझा संस्कृति, आस्था और परम्पराओं के अभिन्न अंग- रविन्द्र नेगी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पटपडग़ंज के विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और नेपाल केवल पड़ोसी राष्ट्र ही नहीं हैं, बल्कि साझा संस्कृति, आस्था और परंपराओं के अभिन्न अंग भी हैं। हिमालय हमें न केवल भौगोलिक रूप से जोड़ता है, बल्कि हमारी पीढिय़ों की सांस्कृतिक स्मृतियों और लोककथाओं का आधार भी है। इस प्रकार के आयोजन हमारी पहचान को सशक्त करते हैं और आने वाली पीढिय़ों को अपनी जड़ों से जुडऩे की प्रेरणा देते हैं।

इब्सल संजयाल और शांति उप्रेती को हिमालय गौरव सम्मान

इस अवसर पर नेपाल की लोकप्रिय गायिका इब्सल संजयाल और उत्तराखंड रानीखेत की जिला पंचायत सदस्य शांति उप्रेती को उनके विशिष्ट योगदान के लिए विशेष हिमालय गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इब्सल संजयाल ने अपनी संस्कृति और लोकगायन की परंपरा के महत्व को रेखांकित करते हुए महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध अपनी सक्रिय भूमिका का उल्लेख किया। वहीं शांति उप्रेती ने जैविक खेती, ग्राम्य विकास और हिमालयी पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि उत्तराखंड और नेपाल की संस्कृति एक-दूसरे की पूरक हैं, आपसी सहयोग से ही हम हिमालय की धरोहर को आने वाली पीढिय़ों तक सुरक्षित पहुंचा सकते हैं।

इस अवसर पर परिषद के संस्थापक भुवन भट्ट ने सभी अतिथियों, मीडिया प्रतिनिधियों और सहयोगियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत-नेपाल के बीच यह सांस्कृतिक सेतु केवल आज का नहीं बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए भी एक धरोहर है। परिषद आगे भी इस दिशा में कार्य करती रहेगी। संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ लेखक, पत्रकार एवं इतिहासकार मदन मोहन सती का विशेष स्वागत किया गया।

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