दोपहिया और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैनल चर्चा
नई दिल्ली। सडक़ सुरक्षा को लेकर नोवोटेल सिटी सेंटर में ‘डायलॉग टू एक्शन’ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयेाजन किया गया। सम्मेलन में नीति निर्माताओं, प्रवर्तन अधिकारियों, शहरी योजनाकारों, कॉर्पोरेट नेतृत्वकर्ताओं, शोधकर्ताओं, सिविल सोसायटी प्रतिनिधियों और मीडिया विशेषज्ञों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। सम्मेलन में दोपहिया सवारों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न विषयों पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा की गई।
सम्मेलन में जानकारी दी गई कि भारत में वर्ष 2023 में 1.72 लाख मौतें सडक़ दुर्घनाओं से हुई, जिनमें से 65 प्रतिशत से अधिक मामले दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्रियों से जुड़ी थी। सम्मेलन में सडक़ उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक संरक्षित ढांचा बनाए जाने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ की गई। टीआरएएक्स एस सोसायटी के अध्यक्ष अनुराग कुलश्रेष्ठ ने उद्घाटन भाषण दिया। सीएसआईआर-सीआरआरआई के निदेशक प्रोफेसर मनोरंजन परिदा और स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने विशेष संबोधन किया। कार्यक्रम को सडक़ परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा और सडक़ सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जीन टॉड के वीडियो संदेशों के माध्यम से उनके विचार साझा किए गए। दोनों ने त्वरित सुधार और क्षेत्रीय सहयोग का आग्रह किया।
बच्चों के लिए रोड सेफ्टी पाठशाला
सम्मेलन का मुख्य आकर्षण ‘रोड सेेफ्टी पाठशाला’ का शुभारंभ रहा। यह एक सडक़ सुरक्षा शिक्षण मॉड्यूल है जिसे टीआरएएक्स की ओर सेे 8 से 13 वर्ष के बच्चों के लिए बनाया गया है। इसके साथ ही हेलमेट इम्पैक्ट और स्ट्रैप टेस्टिंग का लाइव प्रदर्शन और भारतीय हेलमेट मानकों बनाम वैश्विक मानकों का अंतर दर्शाने वाला गैप एनालिसिस भी प्रस्तुत किया गया।
सेंटर फार रोड सेफ्टी एक्सीलेंस के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर
सम्मेलन में टीआरएएक्स और डॉ. अखिलेश दास गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज़ के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत एक सेंटर फॉर रोड सेफ्टी एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य भविष्य के इंजीनियरों को सुरक्षित सडक़ डिज़ाइन और सडक़ सुरक्षा सिद्धांतों पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।
निम्न गुणवत्ता वाले हेलमेट पर लगे पूर्ण प्रतिबंध
पैनल चर्चाओं में फर्जी और निम्न गुणवत्ता वाले हेलमेट की उपलब्धता, इनके निर्माण, बिक्री और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। दोपहिया वाहनों में एबीएस साइड मिरर, साड़ी गार्ड और साइड ग्रिप जैसी सुरक्षा सुविधाओं पर भी चर्चा की गई। पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर हुई चर्चा में ऐसे कई समाधान सामने आए जिन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया था जैसे चैनलाइज़ेशन, उपयुक्त वेजिटेशन, फुटपाथ, आइलैंड्स, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और स्पीड निरोधक उपाय।


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