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नैनीताल। कोरोना काल में जहां सरकारें अपने दायित्व का निर्वहन करने में नकारा साबित हो रही हैं। ऐसे में न्याय पालिका महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि रोजाना होने वाली कोरोना जांचों की संख्या राज्य तेजी से बढ़ाएं क्योंकि आईसीएमआर के निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार टेस्ट की संख्या घटा नहीं सकती है। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेशित किया है कि वह राज्य सरकारों के लिए ऑक्सीजन का कोटा 183 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 300 मीट्रिक टन किए जाने पर गंभीरता से विचार करे। गुरुवार को अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे शुक्रवार शाम को जारी किया है।
कोर्ट ने ये दिशा निर्देश दिये

1 दैनिक होने वाले कोविड टेस्ट की संख्या राज्य तेजी से बढ़ाये, क्योंकि आईसीएमआर के निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार टेस्ट की संख्या नहीं घटा सकती है।
2 केंद्र सरकार राज्य की ऑक्सीजन का कोटा 183 मीट्रिक टन से 300 मेट्रिक टन किए जाने पर गंभीरता से विचार करे।
3 उत्तराखंड का बहुत बड़ा हिस्सा पर्वतीय क्षेत्र है, जहां पर निरंतर ऑक्सीजन की सप्लाई की आवश्यकता पड़ेगी, इसलिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र को इस संबंध में की गई मांग जिसमें 10000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर , 10000 ऑक्सीजन सिलेंडर , 30 प्रेशर स्विंग ऑक्सीजन प्लांट तथा 200 सीएपी तथा 200 बाइपेप मशीन तथा एक लाख पल्स ऑक्सीमीटर की मांग है, इस पर केंद्र सरकार गंभीरता से निर्णय ले।
4 राज्य सरकार द्वारा केंद्र को किए गए इस निवेदन कि उसको अपनी ऑक्सीजन के कोटे का प्रयोग अपने ही उत्पादन से करने दिया जाए इस पर भी केंद्र सरकार एक सप्ताह में निर्णय ले।
5 राज्य सरकार को आदेशित किया जाता है कि वह चार धाम के लिए जारी एसओपी का पालन गंभीरता से करे और इस बात को सुनिश्चित करें कि पुजारियों और स्थानीय श्रद्धालुओं की कोरोना से सुरक्षा हो सके।
6 राज्य सरकार 100 बेड का कोविड केयर सेंटर भवाली सैनिटोरियम में शीघ्रता से स्थापित करे।
7 राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को आदेशित किया जाता है कि वह उत्तराखंड का रेमडेसिवियर जी भर का कोटा निरंतर रूप से निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें।

