Report ring Desk
अल्मोड़ा। सरकार ने डिजिटल इंडिया मूवमेंट को साकार करने के लिए भले ही राशन कार्ड समेत कई तरह के प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपना ली हो और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह प्रक्रिया सरल और सहज भी हो गई हो लेकन पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों को अपने ऑनलाइन प्रमाण पत्रों को बनाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को राशन कार्ड , जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, खाता खतौनी, परिवार रजिस्टर, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र समेत कई तरह के दस्तावेज बनाने के लिए दर दर भटकना पड़ता है। आज भी गॉवों में सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) का अभाव है। यही नहीं कई इलाकों में इंटरनेट सेवा भी सही से काम नहीं करती। लोगों को अपने प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई किमी दूर सीएससी सेंटर जाना पड़ता है। एक प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई तरह के दस्तावेज शामिल करने होते हैं जिससे प्रमाण पत्र बनाने में लम्बा समय तो लगता ही है साथ ही आने जाने में पैसे भी बर्बाद होते हैं।
नया राशन कार्ड बनाना भी अब उतना आसान नहीं रहा। नया राशनकार्ड बनाने के लिए अब उपभोक्ताओं को दस से बारह प्रकार के दस्तावेज शामिल करने पड़ रहे हैं। जब से राशन कार्ड बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई तो पर्वतीय अंचलों में रहने वाले लोगों को अपना नया राशन कार्ड बनाने, नवीनीकरण करने या फिर यूनिट अपडेट करने लिए बड़ी दिक्ïकतों का सामना करना पड़ रहा है। अब नया राशन कार्ड बनाने की यह प्रक्रिया पासपोर्ट बनाने से भी कठिन हो चुकी है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो माह का समय भी लग जा रहा है। साथ ही उपभोक्ताओं को दर दर भटकना भी पड़ रहा है।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य योजना के लिए नया सॉफ्टवेयर बनाया है जिसके तहत हर राशन कार्ड को अपडेट किया जा रहा है। इसमें दस्तावेजों को अपलोड किए बिना नया कार्ड जारी नहीं हो सकता। इसके लिए उपभोक्ताओं को कई किमी दूर तहसील या ब्लॉक कार्यालय के चक्ïकर लगाने पड़ रहे हैं। जिस कारण उनका समय तो बर्बाद हो ही रहा है साथ ही उनका काम भी किसी न किसी दस्तावेज की कमी की वजह से नहीं हो पाता है।
राशन कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज
राशन कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेजों में परिवार के मुखिया का पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड निरस्तीकरण प्रमाणपत्र, मुखिया के बैंक खाते की प्रथम और अंतिम पृष्ठ की फोटोकॉपी, गैस बुक की फोटोकॉपी, पत्ïनी का नाम चढ़ाने के लिए विवाह प्रमाणपत्र, पूरे परिवार या यूनिट के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, पूरे परिवार या यूनिट का जन्म प्रमाण पत्र या हाईस्कूल प्रमाण पत्र, हर यूनिट का पैन कार्ड या वोटर आईडी की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी, दिव्यांग उपभोक्ता के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र, मनरेगा में काम करते हैं तो जॉब कार्ड की फोटोकॉपी, आय प्रमाण पत्र, पता सत्यापन के लिए नवीनतम बिजली-पानी का बिल, हाउस टैक्स या किरायानामा दस्तावेज शामिल करने पड़ते हैं।
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भी कई दिन बर्बाद हो जा रहे हैं। इसके लिए ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र, एएनएम सेंटर की रिपोर्ट और परिवार रजिस्टर की कापी लगानी होती है। कई बार इंटरनेट की असुविधा व किसी कारणवश परिवार रजिस्टर की कापी निकालने में ही 15 दिन का समय लग जाता है। फिर सीएससी सेंटर से आवेदन करना होता है। यदि इस प्रक्रिया में 21 दिन से ज्यादा समय लग गया तो फिर उसके लिए एफएडेविट की जरूरत के साथ ही दो गवाहों की भी जरूरत पड़ती है। इस तरह मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में पूरा महीना बर्बाद हो जाता है। पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाने वाली प्रक्रिया बहुत कठिन हो रही है।

