नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने गीता जयन्ती के शुभ अवसर पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि विश्व लोकप्रियता तथा उसके आकर्षण के अनूठे केन्द्र बिन्दु, दर्शन, आध्यात्म तथा जीवन प्रबंधन चिन्तन के अनुपम व्यक्तित्व भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था।
प्रो वरखेड़ी ने कहा कि गीता जयन्ती के इसी पावन दिवस पर दुनिया के इस प्रख्यात ग्रन्थ गीता का वाचन करने वालों के जीवन में सदा सुख, शान्ति व समृद्धि मिलती है। लेकिन इसका भी ध्यान रहे कि इस जयन्ती का आयोजन प्रतिदिन गीता वाचन, पाठन तथा मनन का प्रतीकात्मक संदेश भी है क्योंकि गीता विश्व मानव जीवन प्रबन्धन का अमूल्य धरोहर तथा शास्त्र भी है ।
उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्या अपनी अथाह ज्ञान राशि तथा पारायण संस्कार के कारण आज भी जीवन्त है जो मानव जीवन के विविध क्षेत्रों के द्वारों के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
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