फर्जी दस्तावेज सेे सचिन चौहान बन गया था ममून
देहरादून। फर्जी दस्तावेजों के जरिए सचिन चौहान बना बांग्लादेशी ममून और उसकी प्रेमिका को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फेसबुक पर ‘हाय’ के एक मैसेज से शुरू हुई त्यूण़ी की रहने वाली रीना और बांग्लादेशी ममून की प्रेम कहानी को तब झटका लग गया जब पुलिस ने दोनों को अलकनंदा एन्क्लेव से गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेशी ममून, रीना से मिलने भारत आया और उसे चोरी के रास्ते बांग्लादेश ले गया। दोनों ने बांग्लादेश में निगाह कर लिया और कई महीने वहां रहे। इसके बाद दोनों चोरी के रास्ते वापस भारत लौट आए और ममून ने रीना के पहले पति सचिन चौहान के नाम पर अपने दस्तावेज बना लिए। अब ऑपरेशन कालनेमि के तहत शहर में अवैध व फर्जी तरीके से नाम-पता बदलकर रहने वालों के खिलाफ सघन जांच अभियान में दोनों की गिरफ्तारी हुई है।
वर्ष 2019 में रीना अपने ससुराल में थी। एक दिन उसे ममून की फेसबुक रिक्वेस्ट आई और इनबॉक्स में हाय का मैसेज आया। इस मैसेज से शुरू हुई कहानी कुछ ही दिनों में ‘लव यू जान’ तक पहुंच गई। वर्ष 2019 में ममून अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए टूरिस्ट वीजा पर देहरादून आया। इस दौरान दोनों चोरी छुपे मिलने लगे। वीजा खत्म हुआ तो ममून वापस बांग्लादेश चला गया। लेकिन दोनों का प्यार परवान चढऩे लगा। वर्ष 2020-21 में ममून फिर से टूरिस्ट वीजा पर भारत आ गया और इस बार रीना को भी चोरी के रास्ते बांग्लादेश ले गया। दोनों ने वहां निकाह कर लिया। लेकिन कुछ महीने बाद ही दोनों फिर से चोरी के रास्ते भारत आ गए और देहरादून में रहने लगे। हैरत की बात यह भी है कि देहरादून में ममून ने फर्जी आधार कार्ड से अपना नाम रीना के पहले पति के नाम पर सचिन चौहान रख लिया और उसके सहारे शहर के एक क्लब में बाउंसर की नौकरी भी करने लगा। दोनों पति-पत्नी दून में अलग-अलग जगह पर किराये पर रहने लगे। लेकिन दून पुलिस को उनकी भनक लग गई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनकी कारगुजारियों का पर्दाफाश कर दिया।
पूछताछ में पता चला है कि रीना ने अपने पूर्व पति के नाम पर ममून का आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवा दिए। अब पुलिस इस फर्जीवाड़े में उसकी सहायता करने वालों की तलाश कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि रीना और ममून ने फर्जी दस्तावेज के जरिये देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम तो नहीं दिया। दोनों को अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
ऑपरेशन कालनेमि के तहत जांच अभियान में हुई गिरफ्तारी
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत शहर में अवैध व फर्जी तरीके से नाम-पता बदलकर रहने वालों के खिलाफ सघन जांच अभियान के चलते दोनों को गिरफ्तारी हुई है। अब तक ऐसे 16 बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। आरोपियों के बारे में नेहरू कॉलोनी पुलिस और एलआईयू को सूचना मिली थी। इसके आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। कथित सचिन ने अपना असली नाम ममून हसन और मूल पता बांग्लादेश के जिला मेहरपुर में थाना मुजीबनगर बताया। रीना तहसील त्यूणी के पोस्ट बिरनाद की रहने वाली निकली। रीना वर्तमान में ममून के साथ अलकनंदा एन्क्लेव में किराये पर रह रही थी। उसने ममून के फर्जी प्रमाणपत्र अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर बनवाए।







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