Uttarakhand DIPR
oke

बलिहारी विशाल बांज वृक्ष की

खबर शेयर करें

By GD Pandey

g5बलिहारी विशाल बांज वृक्ष की
ग्राम अंडोली धूरा तोक की,
पूर्व दिशा में प्रहरी बड़ा,
बनकर ऐड़ी थान की छत्रछाया,
पुश्तैनी बांज वृक्ष है खड़ा।
याद है मुझे वह जमाना,
गर्मी के मौसम का आना,
दोपहर में बेचैनी का बढ़ जाना,
घर में मक्खियों का आशियाना।
कंधे में बस्ता डाल लेना,
हाथ में बोरा पकड़ लेना,
नंगे पैर ही चल देना,
माली हालत का खस्ता होना।

oke1

Hosting sale

सामने छायादार वृक्ष का होना,
पढ़ाई की ललक का होना,
प्रकृति का भरपूर सानिध्य मिलना,
सुहावनी छाया में बोरा बिछाना।
पढ़ाई में ध्यान मग्न हो जाना,
याद है मुझे वह जमाना,
याद है मुझे वह जमाना।
बलिहारी विशाल बाज वृक्ष की,
पुश्तैनी प्रखर प्रचंड प्रहरी की।

home

मूल निवास पैतृक आवास महान,
रमणीक मेरी जन्मस्थली महान।
ईजा बापू की कौशल कर्मठता,
अग्रज मोहन की बौद्धिक प्रखरता,
पृष्ठभूमि मेरे चिंतन प्रादुर्भाव की,
बलिहारी विशाल बांज वृक्ष की।

gopal

मैथ फिजिक्स के न्यूमेरिकल करना,
रुचिकर लगा बायो एक्सपेरिमेंट करना,
भाया नहीं रट कर याद करना,
समझने की कोशिश सर्वत्र करना,
इंग्लिश सीखने की चाहत बनी,
पढ़ाई का माध्यम हिंदी थी,
नई विचारधारा मन में जगी,
चिंतन मनन की आदत बनी,
भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष की,
शोषण के विरुद्ध व्यवस्था परिवर्तन की।
जिंदगी में चुनौतीपूर्ण मोड़ आया,
मुकाबला करने हेतु दिल्ली आया,
बलिहारी विशाल बाज वृक्ष की,
मैं जन्मस्थली भुला न पाया।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top