देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य के अधीन कार्यरत्त आशा कर्मचारियों को आठ महीने से मानदेय न मिलने पर देहरादून आशा कर्मचारी महासंघ के शिष्टमंडल ने राज्य स्तर से लेकर जिला व ब्लाक स्तर के सभी प्रभारी व अधिकारियों को ज्ञापन देकर जल्द से जल्द आशा कर्मचारियों को मानदेय दिए जाने की मांग की है।
उत्तराखंड राज्य की आशा कर्मचारी महासंघ की प्रांतीय महामंत्री ललतेस विश्वकर्मा ने उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों व दुर्गम क्षेत्रों की गरीब व बीपीएल परिवार की आशा कार्यकर्ताओं को आठ महीने से मानदेय न मिलने के लिए चिन्ता जताते हुए शासन प्रशासन को दोषी ठहराया है। ललतेस का कहना है जब राज्य सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया तो उतराखड के स्वास्थ्य विभाग को आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय देना चाहिए। उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बहुत सी गरीब परिवार की विधवा महिलाएं है जो आशा कार्यकर्ता काम काम कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। आठ महीने बीत जाने के बाद भी आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय देने के लिए उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जुलाई महीने तक आशा कार्यकर्ताओं को आठ महीने का मानदेय नहीं मिला तो आशा कार्यकर्ताओं धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल के लिए बाध्य हो जाएंगे।
इस अवसर पर उतराखड आशा कर्मचारी महासंघ प्रदेश महामंत्री ललतेस विश्वकर्मा, आशा प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष गीता पांडे, गंगा गुप्ता प्रदेश कोषाध्यक्ष, बबीता सिंह, मीना सिंह, बबीता धिमान, विजय लक्ष्मी आदि मौजूद थे।