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देहरादून। गंभीर बीमारी से जूझ रहे आंदोलनकारी व साहित्यकार त्रेपन सिंह चौहान का निधन हो गया है। उत्तराखण्ड आंदोलन पर लिखी उनकी पुस्तक ‘हे ब्वारी’ व ‘यमुना’ काफी सराही गयी थी। 51 वर्षीय त्रेपन सिंह चौहान बीते कुछ सालों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर जन संगठनों से जुड़े लोगों ने श्रद्धांजलि दी है।
शुभचिंतकों की मदद से आंदोलनकारी साहित्यकार त्रेपन सिंह चौहान का इलाज हो रहा था। गुरुवार को उनके निधन की खबर से उत्तराखंड में शोक छा गया। सोशल मीडिया पर भी लोग उनके निधन पर शोक जता रहे हैं।