सेना की वर्दी में आए आतंकवादी धर्म और नाम पूछा और मारते रहे गोली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के एक समूह पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 28 लोग मारे गए हैं । पहलगाम में हुआ यह भीषण आतंकी हमला 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है। जीवित बचे लोगों के अनुसार सेना की वर्दी पहने 6 आतंकवादियों ने हिंदू लोगों की पहचान की और उनसे उनका नाम पूछा, नाम बताने और इस्लामी आयतें सुनाने के लिए कहा और जब उनका धर्म हिंदू निकला तो फिर उन्हें करीब से गोलियों से भून दिया। इस हमले में कोच्चि में तैनात नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल(26 वर्ष), हैदराबाद में नियुक्त बिहार के आइबी अधिकारी मनीष रंजन, छत्तीसगढ़ के व्यापारी दिनेश मिरानिया भी मारे गए।
इस तरह के आतंकी हमले ने सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस वर्तमान में चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत में हैं। वेंस दिल्ली में थे और उनके प्रवास के दौरान अन्य शहरों की यात्रा करने की उम्मीद थी। सुरक्षा एजेंसियों ने तब से राष्ट्रीय राजधानी और उसके बाहर निगरानी बढ़ा दी है, क्योंकि वे उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान इस तरह के हमले के निहितार्थों से चिंतित हैं। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की तलाश के लिए इलाके में तलाशी अभियान चलाया है। हमले के बाद से सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आमतौर पर चहल-पहल वाले पर्यटक क्षेत्र में सडक़ें सुनसान हैं।
दिल्ली- मुंबई समेत मेट्रो शहरों में अलर्ट
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दिल्ली-मुम्बई सहित सभी मेट्रो शहरों की सुरक्षा अलर्ट कर दी गई है। राजस्थान पुलिस ने राज्यव्यापी अलर्ट जारी किया है और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है। जयपुर जंक्शन, आमेर किला और अन्य पर्यटक आकर्षण स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। पंजाब पुलिस ने भी अमृतसर में खास तौर पर स्वर्ण मंदिर और भारत-पाक सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है। उत्तर प्रदेश पुलिस को भी धार्मिक शहरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। तटीय और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर गश्त बढ़ा दी गई है, जबकि कई राज्यों में खुफिया एजेंसियों को कड़ी निगरानी में रखा गया है।


