नई दिल्ली। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में बुधवार की रात गुलाबी सर्दी के बावजूद ठसाठस भरे (एएमपीएचआई) एम्फी थियेटर पर राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने ऐसा समा बांधा कि दर्शक मंत्रा मुग्ध हो गये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजस्थान के अतिरिक्त आवासीय आयुक्त विमल शर्मा थे। राजस्थान पर्यटन स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक छतरपाल यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में सहायक आवासीय आयुक्तमनोज सिंह और सुश्री रेणु मीना के साथ जनसंपर्क अधिकारी शिवराम मीना भी उपस्थित थे।
दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में कालबेलियाँ नृत्य की प्रस्तुति बहुत आकर्षक रही। जोधपुर की सुरमनाथ सपेरा एवं उनके दल की नृत्यांगनाओं ने लोम हर्षक प्रस्तुति दी। उन्होने अपने शरीर को रबर की गुड़ियां की तरह तोड़ मोड़कर गजब की लचक के साथ ऐसा अनूठा नृत्य प्रस्तुत किया कि दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गये। नृत्यांगनाओं ने मुंह और आंखों की पलको से अंगूठी उठाकर भारी करतल ध्वनि अर्जित की।
एम्फी थियेटर पर बृज की कृष्ण लीला का रंग भी ऐसा जमा की दर्शक हर्ष घ्वनि किए बिना नहीं रहे। ब्रज क्षेत्र में लगे डीग (भरतपुर) से आये जितेन्द्र पराशर और दल ने प्रारंभ में गणेश वंदना तथा अपने मनोहारी ‘मयुर-नृत्य’ और ‘‘फूलों की होली’’ से प्रगति मैदान को ‘ब्रजमय’ बना दिया।
सांस्कृतिक संध्या में भरतपुर के भपंग वादक गफरूद्दीन मेवाती ने भंपग वादन से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। जोधपुर के गोवर्धन नाथ एवं पार्टी ने अपने कार्यक्रम में खडताल वादन और पारंपरिक राजस्थानी गीतों से समा बांधा। दिल्ली के अनीशुद्दीन एवं उनके दल ने ‘चरी नृत्य’ और श्रीमती नूरजहां और दल ने ‘घूमर नृत्य’ प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम मे अलवर के बनय सिंह ने रिम भवाई की प्रस्तुति कर दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम के उद्घोषक अलवर के ही खेमेन्द्र सिंह ने अपनी मधुर आवाज से कार्यक्रम का संचालन किया।