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भुवनेश्वर। दलित लड़की के फूल तोड़ने पर 40 दलित परिवारों के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है। यह घटना उड़ीसा के ढेंकनाल जिले की है। यहां के कांतियो कतेनी गांव में दलित परिवार की लड़की ने ऊंची जाति के शख्स के घर से फूल तोड़ लिया था। इस पर परिवार के आपत्ति जताने पर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था।
शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक अनुपमा जैन और तहसीलदार संजय कुमार राउत के हस्तक्षेप के बाद इन्हें न्याय मिला। अब दोनों पक्षों में सुलह करा दिया गया है।
खबरों के अनुसार दलित परिवार की 15 साल की एक बच्ची ने सवर्ण व्यक्ति के बागीचे से फूल तोड़ लिया था। इस बात से सवर्ण जाति के लोग नाराज हो गए। दलित परिवार माफी मांगकर मामले को खत्म करना चाहता था। सवर्णों ने 40 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।
गौरतलब है कि 800 परिवार वाले इस गांव में दलित जाति के 40 घर हैं। उधर सवर्ण समुदाय के लोगों का कहना है कि दलित समुदाय के लोग उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाते रहते हैं और थानों में एससी.एसटी एक्ट के तहत झूठे मुकदमे दर्ज करा देते हैं। जिस घटना ने यह रूप ले लिया वह मामूली विवाद और तकरार की घटना थी।