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कोरोना वायरस से पैदा हुआ सदी का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट अब भी जारी है। कोरोना महामारी विश्व में 10 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुकी है, जबकि 22 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। रोजाना बड़ी संख्या में लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं।
हालांकि शुरुआत में फैले वायरस का असर जैसे ही कम होने लगा, वायरस के नए रूप ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। जिससे ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका व यूरोपीय देश परेशान हैं। यहां तक कि कुछ देशों में फिर से लॉकडाउन की घोषणा कर दी गयी है। यह सब तब हो रहा है, जबकि कोरोना रोधी वैक्सीन तैयार हो चुकी है। जिसमें अमेरिका, चीन, ब्रिटेन व भारत द्वारा विकसित वैक्सीन लोगों को लगायी जाने लगी है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाय। वैक्सीन के बाद भी खतरा कम नहीं हुआ है। क्योंकि जिसे भी टीके लगाए जा रहे हैं, उन्हें इसकी दो खुराकें दी जाएंगी। ऐसे में वैक्सीन का असर महीने भर के बाद दिखना शुरू होगा। वैसे कुछ लोगों में वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी नज़र आए हैं।
इस बीच डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयेसस ने जोर देकर कहा है कि कोरोना रोधी वैक्सीन ने हमें महामारी को काबू में करने का एक बेहतरीन मौका दिया है। इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। साथ ही उनका कहना है कि वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन मौजूद तो है, लेकिन इसका संतुलित वितरण भी बहुत जरूरी है। वहीं सतर्कता व सुरक्षा के उपायों को इतनी जल्दी कम नहीं किया जा सकता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि पिछले एक साल से कोविड-19 की महामारी ने समूचे विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को हिलाकर रखा हुआ है। ऐसे में छोटी सी गलती भी वायरस के प्रसार को फिर से तेज़ कर सकती है।