By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha
नगरपालिका क्षेत्र में 10-11 अगस्त को दो दिवसीय शटडाउन के दौरान घर-घर जाकर की गयी स्क्रीनिंग में पन्द्रह कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद जहां प्रशासन के कान खड़े हो गये हैं, वहीं संक्रमित लोगों में ज़्यादातर का स्थानीय होना शहर में चिंता का बड़ा सबब बन गया है। निश्चित तौर पर यह ज़िला प्रशासन द्वारा चलाई गयी बड़ी मुहिम के कारण ही सम्भव हुआ है कि कोई बीस हज़ार की आबादी वाले इस कस्बाई शहर में एकसाथ इतने संक्रमितों का पता चल पाया, अन्यथा तो सभी अंधेरे में ही बैठे थे। परन्तु जानकारों का कहना है कि प्रशासन इतने में ही अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझे, बल्कि समय-समय पर इस तरह का अभियान ज़ारी रखने पर ही स्थिति पर नियत्रंण पाना सम्भव होगा।
नगरपालिका प्रशासक सिध्दार्थ पटनायक से मिली जानकारी के अनुसार दो दिवसीय शटडाउन में स्वास्थ्य जांच के दौरान कुल 5019 घरों में दस्तक दी गयी एवं 852 लोगों में प्रारिम्भक लक्षण पाये जाने पर उनके स्वैब नमूने जाँच हेतु भेजे गये। पाये गये पन्द्रह कोरोना संक्रमितों में वार्ड क्रमांक तीन में एक ही परिवार के चार सदस्य संक्रमित पाये गये हैं। जबकि वार्ड क्रमांक चार में एक, वार्ड क्रमांक पांच स्थित सानपड़ा में चार, वार्ड छह हरिजन पड़ा में दो तथा वार्ड नम्बर ग्यारह में पाये गये दो लोग शामिल हैं। संक्रमित पाये गये इन तमाम वार्डों के कुछ भागों को तत्काल प्रभाव से आगामी 14 अगस्त तक के लिये कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि वार्ड नम्बर दस एवं ग्यारह पहले ही से कंटेन्मेंट जॉन घोषित हैं। कंटेन्मेंट क्षेत्रों में इस अवधि के दौरान केवल किराना, डेली नीड्स, दूध, फल, सब्जी आदि अत्यावश्यक वस्तुओं की दुकानें खोलने की ही अनुमति होगी, वह भी केवल प्रातः सात से दो बजे तक। शेष बाज़ार बन्द रहेगा। औषधि एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रतिबंध-मुक्त रखा गया है, जबकि केन्द्र एवं राज्य सरकार के तमाम कार्यालय, बैंक एवं डाक-घर आदि को भी खोलने की इजाज़त है।
दो दिवसीय शटडाउन पर प्रतिक्रिया देते हुये चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, केसिंगा अध्यक्ष अनिल कुमार जैन द्वारा सरकारी कदम को स्वागतेय कहा गया, परन्तु उन्होंने इस बात पर अफ़सोस ज़ाहिर किया कि लोगों में जागरूकता का काफी अभाव है, जिसके चलते बाज़ार बन्द होने के बावज़ूद लोगों की चहलकदमी में कोई कमी नज़र नहीं आती। इतना ही नहीं, लोग बहुधा मास्क अथवा सामाजिक दूरी का पालन करते भी नज़र नहीं आते और इस ओर प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जाना अत्यंत ज़रूरी है, अन्यथा यह पूरी मुहिम बेमानी हो जाती है।