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इस देश के लोग नहीं करते खाना बर्बाद

चीन में हुए सर्वे में हिस्सा लेने वाले वर्ष 2000 के बाद पैदा हुए युवाओं में से लगभग 84.1 प्रतिशत ने कहा कि वे खाने की मेज पर भोजन कम से कम छोड़ने की कोशिश करते हैं। जबकि नब्बे के दशक में पैदा हुए 82 फीसदी और 1980 के बाद पैदा हुए लोगों में से 81 प्रतिशत ने खाने की बचत करने की बात कही।  

 By Anil Azad pandey, Beijing

दुनिया भर में लाखों लोग भुखमरी का शिकार होते हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग रोजमर्रा की ज़िंदगी में खाने की बर्बादी करते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि फूड वेस्ट को करीब 10 फीसदी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार माना गया है। भारत में शादी-विवाह के दौरान बड़ी मात्रा में खाना बर्बाद हो जाता है। लगभग हर बड़े आयोजन में इस तरह भोजन की बर्बादी होती है। वहीं चीन के बारे में भी यही धारणा है कि यहां के नागरिक भी फूड वेस्ट करने में अन्य देशों से पीछे नहीं हैं। लेकिन एक ताज़ा सर्वे में इसके उलट नतीजे सामने आए हैं। चाइना यूथ डेली के हालिया सर्वेक्षण की मानें तो करीब 82.2 फीसदी चीनी दैनिक जीवन में भोजन बर्बाद नहीं करते हैं। हालांकि पिछली पीढ़ी के लोगों की तुलना में युवा अपनी प्लेट में कम खाना छोड़ते हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि चीन में भोजन की बचत को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।  

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गौरतलब है कि चीन में पिछले कई वर्षों से क्लीन योर प्लेट यानी अपनी प्लेट में खाना न छोड़ें अभियान जारी है, लेकिन आजकल इस स्लोगन ने ज़ोर पकड़ रखा है। इसका असर हम सर्वे में भी देख सकते हैं।  

यहाँ बता दें कि पिछले दिनों किए गए सर्वेक्षण में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के 2000 से अधिक लोगों से सवाल किया गया। ये उत्तरदाता साल 1960 से 2000 के बीच पैदा हुए थे। इस तरह कहा जा सकता है कि सर्वे में युवाओं के साथ-साथ अधेड़ उम्र के नागरिकों को भी शामिल किया गया।

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सर्वे में हिस्सा लेने वाले वर्ष 2000 के बाद पैदा हुए युवाओं में से लगभग 84.1 प्रतिशत ने कहा कि वे खाने की मेज पर भोजन कम से कम छोड़ने की कोशिश करते हैं। जबकि नब्बे के दशक में पैदा हुए 82 फीसदी और 1980 के बाद पैदा हुए लोगों में से 81 प्रतिशत ने खाने की बचत करने की बात कही।   

चीन कृषि विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर चु यी के मुताबिक मितव्ययिता चीनी राष्ट्र का एक पारंपरिक गुण है, और हमें इसे आज के दौर में भी बढ़ावा देने की जरूरत है।

 भोजन की बचत की आदत होने की बात को लेकर 70 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि इससे बच्चों में दूसरों के काम के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी। वहीं 58 प्रतिशत ने माना कि यह प्रकृति और जीवन के लिए एक सकारात्मक संदेश है।

सर्वे में शामिल 96.2 प्रतिशत लोग मानते हैं कि जन-जीवन में सुधार का मितव्ययिता के साथ कोई संघर्ष नहीं है। वहीं भोजन की बचत के लिए किए जाने वाले उपायों पर, 71.1 फीसदी ने स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने की बात कही।

 

लेखक चाइना मीडिया ग्रुप में वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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